Heart Attack Cases in India: हार्ट अटैक के मामलों पर विशेषज्ञों की राय, भारत बन रहा विश्व का ‘डायबिटीज कैपिटल’
डा. अजीत मेनन ने दावा किया है कि भारत विश्व में ‘डायबिटीज कैपिटल’ बन रहा है और यही कारण है कि युवा हार्ट अटैक के शिकार बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवा हाइपरटेंसिव की संख्या गतिशील रूप से बढ़ रही है और इसका कारण तनाव है।

मुंबई (एजेंसी)। 58 साल के कामेडियन और अभिनेता राजू श्रीवास्तव को आए हार्ट अटैक के मामले ने इस बीमारी को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि आज-कल की जीवन शैली, बढ़े हुए तनाव, नींद, पौष्टिक खान-पान और एक्सरसाइज की कमी के कारण नई उम्र के लोगों में हार्ट अटैक जैसी बीमारियों के मामलों में वृद्धि हो रही है।
राजू श्रीवास्तव से पहले इसी साल मई महीने में गायक केके (53) का निधन कोलकाता में एक कंसर्ट के दौरान कार्डियक अरेस्ट के कारण हो गया था। इसके अलावा, पिछले साल अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला (40), पुनीत राजकुमार (46), अमित मिस्त्री (47) की भी मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई थी।
हार्ट अटैक पर विशेषज्ञों ने दी राय
नवी मुंबई में अपोलो हास्पिटल के कार्डियालाजिस्ट डा. निखिल परचुरे ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि पिछले 20 सालों में भारत में हार्ट अटैक के मामलों में दोगुनी वृद्धि हुई है और अधिक युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि हार्ट अटैक के 25 प्रतिशत मामले 40 साल से कम के लोगों में देखे गए हैं।
डा. निखिल ने कहा, ‘मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल जैसे अन्य जोखिम वाले कारकों में धूम्रपान सबसे महत्वपूर्ण है। जीवन शैली के विकल्प, नींद की कमी, पौष्टिक भोजन और व्यायाम और तनाव का बढ़ा हुआ स्तर शायद युवा लोगों में दिल के दौरे के लिए जिम्मेदार हैं। इसके अलावा कोविड-19 भी हार्ट अटैक के मामलों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार है।’
डाबिटीज कैपिटल बन रहा भारत
वहीं, मुंबई के सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन हास्पिटल के हृदय विज्ञान के सलाहकार डा. अजीत मेनन ने दावा किया है कि भारत विश्व में ‘डायबिटीज कैपिटल’ बन रहा है और यही कारण है कि युवा हार्ट अटैक के शिकार बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवा हाइपरटेंसिव की संख्या गतिशील रूप से बढ़ रही है और इसका कारण तनाव है।
मेनन ने कहा, ‘औसत बीएमआई वाले भारतीयों शरीर में में औसत यूरोपियन की तुलना में अधिक वसा है, जो काफी चौंकाने वाला है। हार्ट अटैक के मामलों में पारिवारिक इतिहास एक बहुत मजबूत भूमिका निभाता है। खासकर अगर माँ को कम उम्र में दिल की समस्या थी, तो बच्चों में इसके होने की संभावना भी काफी अधिक होती है। जीन एक ऐसी चीज है जिसे आप बदल नहीं सकते, चाहे आप कुछ भी करें।’
प्रमुख कार्डियक सर्जन और मुंबई के एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट के प्रमुख डा. रमाकांत पांडा ने भी आनुवंशिक प्रवृत्तियों को एक महत्वपूर्ण कारक बताया। उन्होंने कहा कि युवाओं में दिल की समस्याओं के अन्य सामान्य कारणों में हृदय रोग का एक मजबूत पारिवारिक इतिहास, मधुमेह और उच्च रक्तचाप, धूम्रपान, मोटापा, तनाव, व्यायाम की कमी और पर्यावरण प्रदूषण जैसी जीवनशैली की समस्याएं शामिल हैं।
मुंबई के ग्लोबल अस्पताल में दुर्घटना और आपातकालीन विभाग के सलाहकार और प्रमुख डा. मोहित गर्ग ने कहा कि अगर कार्डियक अरेस्ट को बिना इलाज के छोड़ दिया जाता है तो तीन से आठ मिनट के भीतर अपरिवर्तनीय मस्तिष्क क्षति होती है और जल्द ही पीड़ित की मौत हो सकती है। उन्होंने कहा कि कार्डियक अरेस्ट से बचने वाले रोगियों में दीर्घकालिक विकलांगता का हो सकती है।
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