सुप्रीम कोर्ट में गोवा के कर्लीज रेस्तरां के मामले में आज है सुनवाई, सोनाली फोगाट की इसी में हुई थी हत्या
Case of Curlies Restaurant पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रेस्तरां के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। गोवा के इसी रेस्तरां में टिक-टॉक स्टार और भाजपा नेता सोनाली फोगाट की हत्या हुई थी ।
नई दिल्ली, एजेंसी। गोवा के कर्लीज रेस्तरां (Curlies Restaurant) को ध्वस्त करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सोमवार को सुनवाई होगी। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने रेस्तरां के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। गोवा के इसी रेस्तरां में टिक-टॉक स्टार और भाजपा नेता सोनाली फोगाट की हत्या हुई थी।
पिछले दिनों गोवा कोस्टल जोन मैनेजमेंट अथॉरिटी ने पहले एडविन न्यून्स (Edwin Nunes) द्वारा चलाए जा रहे नाइटक्लब, बार और रेस्तरां में सभी व्यावसायिक गतिविधियों को बंद करने का आदेश दिया था। साथ ही गोवा के कर्लीज रेस्तरां, नाइट क्लब और गेस्ट हाउस व सेंट माइकल वाडो, डांडो, अंजुना, बर्देज को बंद करने का आदेश दिया था।
रेस्तरां के मालिक को मिली सशर्त जमानत
इससे पहले, कर्लीज रेस्तरां के मालिक एडविन न्यून्स (Edwin Nunes) को एक स्थानीय अदालत ने 30,000 रुपये के व्यक्तिगत जमानत बांड और 15,000 रुपये के दो जमानतदारों के खिलाफ सशर्त जमानत दी थी। एडविन न्यून्स के वकील एडवोकेट कमलाकांत पोलेकर ने कहा कि न्यून्स कर्लीज रेस्तरां नहीं जा सकते हैं और गोवा छोड़ने से पहले अनुमति लेने की जरूरत है।
यह भी पढ़ें : Navratri 2022 Day 1 : शारदीय नवरात्र का आज है पहला दिन, देशभर के मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़
फोगाट की मौत के मामले में उनके परिवार ने गोवा पुलिस की जांच पर असंतोष व्यक्त किया था। साथ ही कहा था कि वे मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जांच की मांग को लेकर गोवा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
फोगाट के परिवार वालों ने सीएम से लगाई गुहार
परिवार वालों ने मामले के संबंध में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की थी और सीबीआई जांच की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने फोगट की मौत के मामले में सीबीआई जांच का आश्वासन दिया था।
सोनाली फोगट के भतीजे विकास सिंह ने समाचार एजेंसी को बताया कि हमने (फोगट के परिवार ने) भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित को सीबीआई जांच के लिए लिखा है और अगर हम शीर्ष अदालत के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं तो हम रिट याचिका के साथ गोवा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।