Covid19 Vaccine: भारत में भी बनेगी रूस की वैक्सीन, होगा तीसरे फेज का भी ट्रायल
भारत आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैक्सीन के तीसरे फेज के परीक्षण की अनुमति दे चुका है। जबकि भारत में विकसित भारत बायोटेक और कैडिला-जायडस वैक्सीन दूसरे चरण के ट्रायल में है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रूस में विकसित कोरोना की वैक्सीन स्पुतनिक-पांच का भारत में तीसरे फेज का परीक्षण हो सकता है। रूस के अनुरोध पर भारत गंभीरता से इस पर विचार कर रहा है। इसके साथ ही देश की पांच-छह कंपनियां इस वैक्सीन का उत्पादन करने के लिए तैयार है। इसके पहले भारत आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैक्सीन के तीसरे फेज के परीक्षण की अनुमति दे चुका है। जबकि भारत में विकसित भारत बायोटेक और कैडिला-जायडस वैक्सीन दूसरे चरण के ट्रायल में है।
उत्पादन और ट्रायल के लिए रूस ने भारत से किया है अनुरोध
वैक्सीन को लेकर गठित उच्चाधिकार समिति के अध्यक्ष और नीति आयोग के सदस्य डाक्टर वीके पॉल के अनुसार रूस में अपने वैक्सीन को लेकर भारत से दो अनुरोध किये थे। एक तो वह भारत में इसका फेज-तीन का ट्रायल करना चाहता है और दूसरे वह भारत में वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों के सहयोग बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन करना चाहता है।
डाक्टर पॉल ने कहा कि 'भारत एक दोस्त के अनुरोध पर गंभीरता से विचार कर रहा है और इस उत्पादन के लिए तीन चार कंपनियों से बात हो रही है।' उनके अनुसार भारतीय वैज्ञानिक वैक्सीन से जुड़े डाटा को देख रहे हैं और यदि जरूरत पड़ी तो इसके लिए फेज तीन ट्रायल की अनुमति देने पर विचार कर सकते हैं।
तीन-चार कंपनियां रूसी वैक्सीन के उत्पादन के लिए तैयार
ध्यान देने की बात है कि भारत में पहले से तीन वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। इनमें भारत बायोटेक के वैक्सीन फेज-दो ट्रायल के लिए मंगलवार से ही लोगों का पंजीकरण शुरू हो गया है। जबकि कैडिला-जायडस के फेज-दो का ट्रायल पहले से चल रहा है। तीसरा वैक्सीन आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का है, जिसे भारत में सीरम इंस्टीट्यूट बनाने जा रहा है। इसके तीसरे फेज का परीक्षण अगले महीने 17 स्थानों पर शुरू होगा, जिनमें 1600 लोगों वैक्सीन दी जाएगी। इस वैक्सीन का पहले ही अमेरिका में 30000, ब्राजील में पांच हजार लोगों पर ट्रायल चल रहा है।