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    कंटेनमेंट जोन में बंद रहेंगे डेंटल क्लीनिक, ऑरेंज और ग्रीन जोन में हो सकेगी इमरजेंसी दंत चिकित्सा

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Tue, 19 May 2020 11:20 PM (IST)

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health ministry) ने कंटेनमेंट जोन में दांतों के इलाज पर पूरी तरह से रोक लगाई है। साथ ही इस बारे में नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

    कंटेनमेंट जोन में बंद रहेंगे डेंटल क्लीनिक, ऑरेंज और ग्रीन जोन में हो सकेगी इमरजेंसी दंत चिकित्सा

    नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health ministry) ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण क्षेत्र (कंटेनमेंट जोन) में दांतों के इलाज पर पूरी तरह से रोक लगाई है। कंटेनमेंट जोन में स्थित डेंटल क्लिीनिक को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके मुताबिक कंटेनमेंट जोन में स्थित डेंटल क्लिीनिक खोलने की इजाजत नहीं होगी। हालांकि, वह मरीजों को टेलीकंसल्टेशन (फोन पर परामर्श) देना जारी रख सकते हैं।

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    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को इस संबंधित विस्तारपूर्वक गाइडलाइंस जारी करते हुए कहा है कि डेंटिस्ट के साथ-साथं और सहायकों के साथ-साथ इलाज करवाने वाले लोगों को संक्रमण का खतरा है। चूंकि दंत चिकित्सा की अधिकांश प्रक्रियाओं में रोगियों के मुंह, लार, रक्त और श्वसन तंत्र के स्राव से नजदीकी संपर्क होता है। मंत्रालय ने कहा कि उचित सावधानी के साथ इलाज किया जाना चाहिए।

    दिशा-निर्देशों में कहा गया कि कई एसोम्टोमैटिक मरीज जिनमें बीमारी के लक्षण नहीं दिखते, वह वायरस को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचा सकते हैं। इस कारण यह सलाह दी जाती है कि डेंटल क्लिीनिक जाने वाले सभी मरीजों का पूरी सावधानी से इलाज किया जाए। इसके मुताबिक, कंटेनमेंट जोन में डेंटल क्लिीनिक खुल नहीं सकेंगे लेकिन डॉक्टर मरीजों को फोन पर या वीडियो कॉल के माध्यम से परामर्श दे सकते हैं।

    इसके अलावा इस जोन के मरीजों को नजदीकी कोविड दंत चिकित्सा केंद्र तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस सुविधा मौजूद रहेगी। आपात दंत चिकित्सा की स्थिति में रेड जोन में स्थिति चिकित्सा केंद्र में भी इलाज किया जा सकेगा। ऑरेंज और ग्रीन जोन में दंत चिकित्सा क्लिीनिक परामर्श प्रदान कर सकते हैं, लेकिन यह केवल आपातकालीन और तत्काल उपचार प्रक्रियाओं तक सीमित रहना चाहिए।

    दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया है कि क्लिीनिक जाने वाले मरीज घड़ी या कोई आभूषण न पहनें, साथ ही अतिरिक्त बैग या वस्तुएं लेकर न चलें। मरीज घर पर अलग वाशरूम का इस्तेमाल करें और क्लिीनिक के शौचालय का इस्तेमाल करने से बचें। मास्क पहने रहें। कोरोना संदिग्ध मरीज का इलाज करते वक्त डॉक्टर पीपीई किट का इस्तेमाल करें।