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    स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने किया आह्वान, जीते जी रक्तदान, मरने के बाद करें अंगदान

    By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By:
    Updated: Sat, 27 Nov 2021 07:50 PM (IST)

    स्वास्थ्य मंत्री ने कहा अंगदान को लेकर समाज में भारी दुविधा व्याप्त है। इसे दूर करने के लिए अभियान चलाकर प्रयास किया जाना चाहिए। मरने के बाद भी जिंदा रहने की बात को प्रचारित किया जाना चाहिए। मांडविया ने कहा कि हमारी संस्कृति शुभ और लाभ का संदेश देती है।

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    12वें भारतीय अंगदान दिवस को संबोधित करते हुए मनसुख मंडाविया

    नई दिल्ली, प्रेट्र। जीते जी रक्तदान, मरने के बाद अंगदान। यह हमारे जीवन का उद्देश्य होना चाहिए। यह बात शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने 12 वें भारतीय अंगदान दिवस पर कही। उन्होंने कहा, लोग खुद के अंगदान का संकल्प ही न लें बल्कि अन्य लोगों को भी उसके लिए प्रेरित करें। इससे कई जरूरतमंद लोगों की जिंदगी में उजाला फैलेगा, उनका जीवन सार्थक बनेगा।

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    स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, अंगदान को लेकर समाज में भारी दुविधा व्याप्त है। इसे दूर करने के लिए अभियान चलाकर प्रयास किया जाना चाहिए। मरने के बाद भी जिंदा रहने की बात को प्रचारित किया जाना चाहिए। मांडविया ने कहा कि हमारी संस्कृति शुभ और लाभ का संदेश देती है। इसके अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को समाज की भलाई के लिए कार्य करना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय 2010 से अंगदान दिवस मनाते हुए अंगदान की भावना को जनता के बीच ले जाने का प्रयास मजबूत करता जा रहा है। इसी का नतीजा है कि देश में अंगदान करने वालों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है। बावजूद इसके देश में जरूरतमंदों और मृत्यु के बाद अंगदान करने का संकल्प लेने वालों की संख्या में बड़ा अंतर है।

    इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार ने उन लोगों की लाचारी का जिक्र किया जो परिवार में रहते हुए ताजिंदगी मुश्किलें झेलने के लिए अभिशप्त रहते हैं, जबकि उनके बड़े परिवार में कई लोग अपना अंगदान करके लाचारों की जिंदगी आसान बनाने का संकल्प ले सकते हैं। अंगदान दिवस पर स्वास्थ्य मंत्री ने अंगदान के लिए उल्लेखनीय कार्य करने वाली संस्थाओं को पुरस्कृत किया। महाराष्ट्र के स्टेट आर्गन एंड टिसू ट्रांसप्लांट आर्गनाइजेशन को सर्वाधिक अंग प्रत्यारोपण का पुरस्कार दिया गया। रीजनल आर्गन एंड टिसू ट्रांसप्लांट आर्गनाइजेशन को उल्लेखनीय कार्यो के लिए पुरस्कृत किया गया।

    अंगदान और प्रत्यारोपण में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर

    अमेरिका और चीन के बाद भारत में सबसे ज्यादा अंगदान और उनका प्रत्यारोपण होता है। 2013 में देश में 4,990 लोगों ने अंगदान किया था, 2019 में यह संख्या बढ़कर 12,746 हो गई। 2012-13 से अब तक भारत में अंगदान और अंगों के प्रत्यारोपण की संख्या में चार गुणा की वृद्धि हो चुकी है।

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