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    कमजोर पड़ा 'निवार' छोड़ गया तबाही के निशान, पांच की मौत, फि‍र निम्‍न दबाव का क्षेत्र बनने की आशंका, अलर्ट जारी

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Fri, 27 Nov 2020 07:30 AM (IST)

    चक्रवात निवार के चलते तमिलनाडु पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में जमकर बारिश हुई। इससे बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। मौसम संबंधी हादसों में पांच लोगों की मौत हो गई। जगह जगह तबाही के निशान नजर आ रहे हैं। मौसम विभाग ने फिर भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

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    चक्रवात 'निवार' के चलते तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में जमकर बारिश हुई।

    चेन्नई, एजेंसियां। चक्रवात 'निवार' के बुधवार रात तमिलनाडु और पुडुचेरी के तट से टकराने के बाद गुरुवार तड़के इन दोनों प्रदेशों के साथ-साथ पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में तेज हवाओं के साथ जमकर बारिश हुई। 130 से 145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने और मूसलधार बारिश से जगह-जगह बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई, पेड़ उखड़ गए, बिजली आपूर्ति व इंटरनेट सेवा बाधित हो गई और जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया।

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    पांच की मौत तीन घायल

    तूफान जनित हादसों में पांच लोगों की मौत हो गई और तीन लोग घायल हो गए। हालांकि तूफान अब कमजोर पड़ गया है। हालात से निपटने के लिए तीनों राज्यों के तटीय इलाकों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 25 टीमें तैनात हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तमिलनाडु और पुडुचेरी के मुख्यमंत्रियों से फोन पर बात करके केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि केंद्र दोनों राज्यों की स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है।

    तमिलनाडु में 101 मकान क्षतिग्रस्‍त

    तमिलनाडु सरकार के मुताबिक, निवार की वजह से राज्य में 101 घर क्षतिग्रस्त हो गए, 1,086 पेड़ उखड़ गए और केले की 14 एकड़ की फसल बर्बाद हो गई। इसके अलावा 26 पशुओं की मौत हुई है। अधिकारियों का कहना है कि गिरे हुए सभी पेड़ों को हटा दिया गया है और बिजली आपूर्ति बहाल करने का काम जारी है। चक्रवात से पहले मंगलवार को रोकी गईं बस सेवाओं को राज्य के सात जिलों में गुरुवार को बहाल कर दिया गया।

    विमान, मेट्रो और उपनगरीय रेल सेवाएं बहाल

    इसके अलावा विमान, मेट्रो और उपनगरीय रेल सेवा भी बहाल कर दी गईं। मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने गिरे हुए पेड़ों को हटाने और जरूरतमंदों की सहायता करने के लिए ग्रेटर चेन्नई कारपोरेशन और ग्रेटर चेन्नई पुलिस की सराहना की। उन्होंने कुड्डालोर और कुछ अन्य इलाकों में चक्रवात से हुए नुकसान का जायजा लिया और प्रभावित लोगों से मुलाकात भी की। राज्य में करीब 2.27 लाख लोगों को 3,085 राहत शिविरों में रखा गया है।

    नुकसान का आकलन का हो रहा आकलन

    केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने बताया कि चरणबद्ध तरीके से प्रदेश में बिजली आपूर्ति बहाल की जा रही है। चक्रवात से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों से घरों में ही रहने और मछुआरों से समुद्र में नहीं जाने का अनुरोध किया। पुडुचेरी सरकार ने गुरुवार को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की थी।

    आंध्र प्रदेश भी प्रभावित

    आधे आंध्र प्रदेश पर भी चक्रवात का असर हुआ है और वहां भारी से बहुत भारी बारिश हुई जिससे सामान्य जनजीवन पटरी से उतर गया। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक एसपीएस नेल्लोर, चित्तूर, कडपा, कृष्णा, प्रकाशम और ईस्ट गोदावरी जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश हुई है जबकि अनंतपुरम, करनूल, गुंटूर और वेस्ट गोदावरी जिलों में मध्यम से भारी बारिश हुई।

    हाईअलर्ट पर रहने के निर्देश

    एसपीएस नेल्लोर, चित्तूर और कडपा जिलों में जलाशयों के भर जाने पर उनका अतिरिक्त पानी छोड़ना पड़ा जिससे कई स्थानों पर सड़कों और खेतों में पानी भर गया। सड़कों पर पानी भरने और पेड़ों के गिरने से यातायात बाधित हो गया। मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने गुरुवार दोपहर हालात की समीक्षा की और जिला कलेक्टरों को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया।

    कमजोर पड़ा निवार

    मौसम विभाग के अनुसार, 'निवार' चक्रवात का केंद्र गुरुवार दोपहर तिरुपति से 50 किमी पश्चिम-दक्षिणपश्चिम में था। इसने पुडुचेरी के नजदीक बुधवार रात 11.30 बजे से 2.30 बजे के बीच समुद्र तट को पार किया था। अब यह कमजोर पड़ गया है और उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। यह लगातार कमजोर होता जाएगा।

    बन रहा नया निम्न दबाव का क्षेत्र

    विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि तमिलनाडु में 29 नवंबर के बाद एक बार फिर भारी बारिश होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि बंगाल की खाड़ी में एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है, लेकिन यह देखने की जरूरत है कि यह चक्रवात में तब्दील होता है या नहीं। विभाग इस पर करीब से नजर रख रहा है। निम्न दबाव का क्षेत्र चक्रवात बनने का पहला चरण होता है।