Move to Jagran APP

भारत ने चीन के दुनिया में पहले से ही कोरोना वायरस के फैलने के दावे को किया खारिज, जानें क्या कहा

पिछले साल 31 दिसंबर को चीन में डब्ल्यूएचओ के कार्यालय ने वुहान में इसे एक वायरल निमोनिया के मामलों के रूप में मीडिया को जानकारी दी। बाद में 11 फरवरी को संगठन ने कहा कि नोवल कोरोना वायरस के कारण होने वाली बीमारी का नाम अब COVID-19 होगा।

By Nitin AroraEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 04:34 PM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 06:41 PM (IST)
भारत ने चीन के दुनिया में पहले से ही कोरोना वायरस के फैलने के दावे को किया खारिज, जानें क्या कहा
हर्षवर्धन ने चीन के दुनिया में पहले से ही कोरोना वायरस के होने के दावे को किया खारिज।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कोरोना के एक साथ कई देशों में फैलने के चीन के दावे को खारिज कर दिया है। उन्होंने साफ किया कि चीन के इस दावे को साबित करने का कोई सबूत नहीं है। ध्यान देने की बात है कि हर्षवर्धन विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी मंडल के अध्यक्ष भी हैं। 

loksabha election banner

वहीं नीति आयोग से सदस्य और कोरोना पर गठित एक्सपर्ट पैनल के प्रमुख डाक्टर वीके पॉल के अनुसार सर्दियों के मौसम में कोरोना संक्रमण के नए पीक पर पहुंच सकता है। गौरतलब है कि लंबे समय तक कोरोना वायरस का सच पूरी दुनिया से छुपाए रखने और विश्व स्वास्थ्य संगठन की मदद से अन्य देशों को गुमराह करने का आरोप झेल रहा चीन पहले भी वायरस के मूल स्त्रोत को लेकर बरगलाने की कोशिश करता रहा है। इसके पहले चीन ने कोरोना वायरस के अमेरिका में पनपने और उसके खिलाडि़यों के साथ बुहान में पहुंचने की बात कह चुका है। लेकिन चीन के इन दावों को अभी तक किसी ने तवज्जो नहीं दी है। पिछले दिनों चीन नया शगूफा छोड़ा कि कोरोना वायरस एक साथ दुनिया के कई देशों में पनपा था। लेकिन हर्षवर्धन ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया। हर्षवर्धन की बात की अहमियत इसलिए ज्यादा है कि क्योंकि वे विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी मंडल के अध्यक्ष हैं।

त्योहारी सीजन के दौरान राज्यों को सचेत करते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि जरा सी भी लापरवाही कोरोना के खिलाफ मिली बढ़त को काफी पीछे धकेलने के लिए काफी होता है। केरल शुरू में कोरोना को रोकने में काफी हद तक सफल रहा था और केरल मॉडल की चर्चा पूरे देश में हो रही थी। उन्होंने कहा कि 30 जनवरी से तीन मई तक सिर्फ 499 लोग कोरोना पोजिटिव पाए गए थे और केवल दो लोगों की मौत हुई थी। लेकिन ओणम के दौरान बरती गई लापरवाही भारी पड़ी और आज केरल तीन लाख 34 हजार से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित पाए जा चुके हैं, जिनमें 96 हजार से अधिक सक्रिय मरीज हैं। हर्षवर्धन ने बताया कि कोरोना से संबंधित पैकेज की दूसरी किस्त के तहत 1352 करोड़ रुपये जारी किये गए हैं। 

त्योहारी सीजन और सर्दियों के कारण कोरोना के मामलों के फिर से बढ़ने की आशंका गहरा गई है, इसे रोकने के लिए ही केंद्र सरकार ने जन-जागरण अभियान शुरू किया है। डाक्टर वीके पॉल के अनुसार सर्दियों के शुरू होते ही यूरोप में नए सिरे से कोरोना के केस बढ़ने शुरू हो गए हैं। जाहिर है भारत में ऐसी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। उनके अनुसार एक बार वैक्सीन तैयार हो जाने के बाद उसके वितरण में कोई समस्या नहीं आएगी और भारत के पास पर्याप्त मात्रा में कोल्ड स्टोरेज क्षमता मौजूद है और उन्हें आसानी से बढ़ाया भी जा सकता है।

अखबार से नहीं फैलता है कोरोना: हर्षवर्धन

देश के विभिन्न डाक्टरों और विशेषज्ञों की बात पर मुहर लगाते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने भी कहा अखबार को कोरोना संक्रमण से मुक्त बताया। कोरोना के डर से अखबार नहीं पढ़े जाने का दर्द साझा करने वाले एक पाठक के सवाल का जवाब देते हुए हर्षवर्धन ने साफ किया कि 'समाचार पत्र पढ़ना कोविड-19 महामारी के दौरान भी पूरी तरह सुरक्षित है।' हर्षवर्धन ने कहा कि 'ऐसा कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, जो साबित कर सके कि समाचार पत्रों से नोवल कोरोना वायरस का प्रसार होता है।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.