Bhargavastra: कितना शक्तिशाली है भारत का 'भार्गवास्त्र' ड्रोन सिस्टम? चीन की भी निकल जाएगी हेकड़ी
Bhargavastra भारत ने स्वदेशी भार्गवास्त्र ड्रोन-रोधी प्रणाली (India anti drone weapon) की सफल टेस्टिंग की है। यह प्रणाली एक साथ 64 गाइडेड माइक्रो-मिसाइल दागने में सक्षम है जो इसे ड्रोन झुंडों के खिलाफ एक अभूतपूर्व समाधान बनाती है। सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड द्वारा ड्रोन-रोधी प्रणाली को तैयार किया गया है। सबसे खास बात है कि इस प्रणाली को विकसित करने में ज्यादा पैसे भी खर्च नहीं किए गए।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के दौर में युद्ध भी अब हाईटेक हो चुकी है, जहां ड्रोन (Drone) सबसे बड़ा और घातक हथियार बन चुका है। हाल ही में भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष में बड़े पैमाने पर ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध में भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी के मद्देनजर भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को लगातार मजबूत करता जा रहा है।
पाकिस्तान से चल रहे तनाव के बीच भारत ने स्वदेशी 'भार्गवास्त्र' ड्रोन-रोधी प्रणाली (India anti drone weapon) की सफल टेस्टिंग की है। यह प्रणाली एक साथ 64 गाइडेड माइक्रो-मिसाइल दागने में सक्षम है, जो इसे ड्रोन झुंडों के खिलाफ एक अभूतपूर्व समाधान बनाती है।
कम लागत में तैयार की गई 'भार्गवास्त्र' ड्रोन-रोधी प्रणाली
सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड द्वारा ड्रोन-रोधी प्रणाली को तैयार किया गया है। सबसे खास बात है कि इस प्रणाली को विकसित करने में ज्यादा पैसे भी खर्च नहीं किए गए। यह प्रणाली भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति और 'मेक इन इंडिया' मिशन की एक और सफलता को उदाहरण है।
#WATCH | A new low-cost Counter Drone System in Hard Kill mode 'Bhargavastra', has been designed and developed by Solar Defence and Aerospace Limited (SDAL), signifying a substantial leap in countering the escalating threat of drone swarms. The micro rockets used in this… pic.twitter.com/qM4FWtEF43
— ANI (@ANI) May 14, 2025
'भार्गवास्त्र' की हुई तीन बार टेस्टिंग
13 मई को ओडिशा के गोपालपुर सीवर्ड फायरिंग केंज में इस प्रणाली के माइक्रो रॉकेट्स की टेस्टिंग की गई। टेस्टिंग में रॉकेट्स ने सभी टारगेट (ड्रोन) को हिट किया। आर्मी एयर डिफेंस (एएडी) के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में रॉकेट के लिए तीन टेस्टिंग की गई।
पहली दो टेस्टिंग में एक-एक रॉकेट दागे गए। इसके बाद तीसरे टेस्टिंग में: सैल्वो मोड में दो सेकंड के अंतराल में दो रॉकेट दागे गए। चारों रॉकेट्स ने शानदार प्रदर्शन किया। रॉकेट्स ने सभी लॉन्च पैरामीटर हासिल किए।
आसान भाषा में समझें तो झुंड में आने वाले ड्रोन को मार गिराने में भी 'भार्गवास्त्र (Bhargavastra Drone System) ने सफलता हासिल की है। बता दें कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ 400 से ज्यादा ड्रोन दागे थे। हालांकि, भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने सभी ड्रोन को मार गिराया था।
(फोटो सोर्स: BharatShakti.in)
'भार्गवास्त्र' की खास विशेषताएं
'भार्गवास्त्र' ड्रोन-रोधी प्रणाली को मुख्य तौर पर तीन अलग कामों के लिए डिजाइन किया गया है।
पहला: अनगाइडेड माइक्रो रॉकेट्स। इन रॉकेट्स का काम ड्रोन झुंड के झुंड को मार गिराना है।
दूसरा: गाइडेड माइक्रो-मिसाइल। इस मिसाइल का काम ड्रोन पर सटीक हमला करना है।
तीसरा: सॉफ्ट-किल परत। यह जैमिंग और स्पूफिंग की वैकल्पिक सुविधा देती है। सॉफ्ट-किल परत के जरिए ड्रोन को बिना नष्ट किए निष्क्रिय किया जा सकता है।
(फोटो सोर्स: BharatShakti.in)
सबसे बड़ी बात है कि 'भार्गवास्त्र' ड्रोन-रोधी प्रणाली को थल सेना, नौसेना और वायुसेना तीनों के लिए रक्षा ढाल का काम कर सकती है। इस प्रणाली की वजह से भारत की एयर डिफेंस सिस्टिम और भी मजबूत बन चुकी है।
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