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    हरिद्वार के 'हरकी पौड़ी' को दहलाने के लिए IS के आतंकियों ने की थी रेकी

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Thu, 24 Nov 2016 05:42 AM (IST)

    जांच एजेंसी के पास मौजूद साक्ष्यों से यह पता चलता है कि आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए इन लोगों में छह लाख रूपये बांटे गए थे।

    नई दिल्ली, जेएनएन। खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस के संदिग्ध आतंकी जिनके ऊपर हरिद्वार में आतंकी घटना को अंजाम देने की योजना बनाने का आरोप है, उन सभी ने वहां पर जाकर रेकी की थी। उन आतंकियों ने उस जगह की रेकी इसलिए की थी ताकि वहां पर वे आईईडी विस्फोटक लगा सके ताकि दुनियाभर में यह संदेश जाए कि वे भारत में आईएसआईएस का प्रतिनिधित्व करते हैं।

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    यह मामला उस वक्त सामने आया जब एक विशेष अदालत ने आतंकी घटना को अंजाम देने के लिए साजिश रचने के आरोप में उन लोगों को दोषी ठहराया।

    विशेष एनआईए कोर्ट के जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमरनाथ ने हाल में ही पांच लोगों को दोषी ठहराया, जब यह पता चला कि उन लोगों ने देवबंद और लखनऊ में बैठक कर आईएसआईएस नेटवर्क का भारत में विस्तार करने और हवाला के जरिए धन भेजने की योजना बना रहे थे।

    एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, जांच एजेंसी के पास मौजूद साक्ष्यों से यह पता चलता है कि आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए इन लोगों में छह लाख रूपये बांटे गए थे। जिसके बाद इन लोगों ने हरिद्वार के हरकी पौड़ी की रेकी की थी।

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    आपराधिक षड्यंत्र रचने और अवैध गतिविधि रोकथाम कानून, 1967 की कई धाराओं के तहत मोहम्मद अजीमुशान, मोहम्मद ओसामा, अखलाकुर रहमान, मोहम्मद मेराज और मोहसिन इब्राहिम सैयद के खिलाफ आरोप लगाए गए थे।

    उत्तराखंड और दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम ने जनवरी में यह दावा किया था कि उन्होंने हरिद्वार में अर्धकुंभ के दौरान बड़ी आतंकवादी वारदात को नाकाम कर दिया है। कोर्ट को यह बताया गया कि हरिद्वार में यह धमाका यूसुफ-अल-हिंदी के निर्देश पर किया जाना था। सीरिया का रहनेवाला आईएस आतंकी यूसुफ अल हिंदी इस वक्त पुलिस से बचा हुआ है। चारों लोगों के बयान से यह पता चलता है कि वे सभी हरिद्वार और यहां आनेवाले ट्रेन में बड़ा विस्फोट करना चाहते थे।

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