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    हांसखाली सामूहिक दुष्कर्म केस में फैसला, TMC नेता के बेटे समेत तीन को उम्रकैद

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 09:05 PM (IST)

    पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के हांसखाली सामूहिक दुष्कर्म मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है। रानाघाट अदालत ने तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई ...और पढ़ें

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    हांसखाली मामले में तीन दोषियों को आजीवन कारावास

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल के नदिया जिले के हांसखाली में चार अप्रैल, 2022 को हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में मंगलवार को रानाघाट उपजिला अदालत ने दोषी ठहराए गए तीन लोगों ब्रजगोपाल गयाली उर्फ सोहेल गयाली, प्रभाकर पोद्दार और रंजीत मलिक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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    भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 34 (संयुक्त अपराध), 201 (सुबूत नष्ट करना), 506 (धमकी), 304 (2) और 376 डीए के तहत इन्हें दोषी पाया गया है। इनमें मुख्य आरोपित सोहेल है, जो तृणमूल के तत्कालीन पंचायत सदस्य समरेंद्र गयाली का पुत्र है।

    हांसखाली मामले में तीन दोषियों को आजीवन कारावास

    फैसला सुनने के बाद मृतक के परिवारवाले रो पड़े। बता दें कि हैवानियत की यह घटना उस समय पूरे देश में चर्चित हुई थी। कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी थी। मामले में अदालत ने सोमवार को नौ लोगों को दोषी ठहराया था।

    अन्य दोषियों समरेंद्र गयाली, दीप्ता गयाली और पीयूष कांति भक्त को पांच साल कैद की सजा सुनाई गई है। इन पर घटना में सहायता करने और सुबूत नष्ट करने का आरोप था। अंशुमान बागची को भी साजिश और सुबूत नष्ट करने का दोषी पाया गया। उसे तीन साल के कारावास की सजा मिली है।

    सुरजीत राय और आकाश बारुई को भी दोषी पाया गया, घटना के समय इनके नाबालिग होने या अन्य कानूनी तकनीकी पहलुओं को देखते हुए इन्हें 50,000 रुपये के जुर्माने पर रिहा किया गया और एक साल तक निगरानी में रहने का निर्देश दिया गया है।

    शराब पीकर की थी दरिंदगी

    सोहेल ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर अपनी जन्मतिथि की पार्टी में 14 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। आरोपितों ने शराब पीकर द¨रदगी की इस घटना को अंजाम दिया था। घटना के अगले दिन अत्यधिक रक्तस्त्राव के कारण पीडि़ता की मौत हो गई थी।

    आरोपितों ने सुबूत मिटाने के लिए बिना किसी मृत्यु प्रमाण पत्र के जल्दबाजी में पीडि़ता के शव का जबरन अंतिम संस्कार करा दिया था। घटना के चार दिन बाद मृतका की मां ने पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी।

    कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीबीआई को सौंपी थी जांच

    शिकायत दर्ज कराने के बाद पीडि़त परिवार को लगातार धमकियां मिल रही थीं। पुलिस की निष्कि्रयता के आरोप भी लगे थे। ममता के बयान की भी हुई थी निंदा इस मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस बयान की काफी निंदा हुई थी, जिसमें उन्होंने घटना के पीछे प्रेम प्रसंग होने की संभावना जताई थी।

    उन्होंने कहा था कि क्या पीडि़ता गर्भवती थी? कहा था कि अगर कोई लड़का और लड़की किसी रिश्ते में हैं तो मैं उसे कैसे रोक सकती हूं? क्या उसे थप्पड़ मारा गया था? क्या उसका स्वास्थ्य खराब था?