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    15 अगस्त 1947 की आधी रात संविधान सभा में राष्ट्रध्वज फहराने वाली हंसा मेहता कौन थीं? 'मन की बात' में पीएम मोदी ने किया जिक्र

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में हंसा मेहता के बारे में जिक्र किया और उनके अदम्य साहस की कहानी लोगों तक पहुंचाई। हंसा मेहता ने 15 अगस्त 1947 की आधी रात को संविधान सभा में राष्ट्रध्वज फहराया था। महात्मा गांधी और सरोजनी नायडू से मिलने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और फिर भारत की आजादी के लिए उन्होंने अपनी आवाज बुलंद की।

    By Prince Gourh Edited By: Prince Gourh Updated: Sun, 23 Feb 2025 02:36 PM (IST)
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    15 अगस्त 1947 को संविधान सभा में राष्ट्रध्वज फहराने वाली हंसा मेहता (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में महिलाओं की अदम्य साहस की चर्चा करते हुए हंसा मेहता के बारे में जिक्र किया। उन्होंने कहा कि, हमारे राष्ट्र ध्वज के निर्माण से लेकर उसके लिए बलिदान देने वाली देशभर की महिलाओं के योगदान को सामने रखने वालीं अदम्य साहस की महिला थी हंसा मेहता।

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    पीएम मोदी ने हंसा मेहता के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि, उनका मानना था कि नारी-शक्ति भारत को सशक्त और समृद्ध बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान देगी। पीएम मोदी ने संविधान सभा में राष्ट्रध्वज प्रस्तुत करते समय हंसा मेहता के भाषण की ऑडिया क्लिप भी लोगों को सुनाई।

    कौन थी हंसा मेहता?

    बता दें, हंसा जीवनराज मेहता सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाविद, स्वतंत्र सेनानी और एक लेखिका थीं। 3 जुलाई 1897 में बॉम्बे राज्य (वर्तमान में गुजरात) में जन्मी हंसा मेहता एक ब्राह्मण परिवार से थीं। हंसा ने 1918 में दर्शनाशास्त्र से स्नातक किया था और उसके बाद वो इंग्लैंड चली गईं।

    इंग्लैंड से पत्रकारिता और समाजशास्त्र की उच्च शिक्षा लेने के बाद वो भारत आईं और सरोजनी नायडू और महात्मा गांधी से मिलने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा। उन्होंने विदेशी कपड़े और शराब की दुकानों का बहिष्कार करने का काम किया था।

    महात्मा गांधी की सलाह के बाद उन्होंने कई स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था। साल 1932 में हंसा और उनके पति को अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बाद में हंसा को बॉम्बे विधान परिषद से प्रतिनिधि भी चुनी गईं थीं।