सईद को मालूम था होगी कार्रवाई, कुछ दिन पहले ही अपने संगठन का बदला था नाम
सईद ने अपने संगठन जमात उद दावा का नाम बदल कर तहरीके आजादी कर दिया है और कहा है कि अब यह संगठन कश्मीर में आजादी के मुद्दे पर आंदोलन करेगा।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। हाफिज सईद के पाक सेना व वहां के हुक्मरानों के साथ गहरे ताल्लुक की बात कोई छिपी हुई नहीं है। सईद ने जिस तरह से सरकार की ताजी कार्रवाई से ठीक पहले अपने संगठन का नाम बदला है उससे इस बात का शक और बढ़ गया है कि पाकिस्तानी एजेंसियों के दांत सईद के मामले में दिखाने के कुछ और खाने के कुछ और होते हैं।
सईद ने अपने संगठन जमात उद दावा का नाम बदल कर तहरीके आजादी कर दिया है और कहा है कि अब यह संगठन कश्मीर में आजादी के मुद्दे पर आंदोलन करेगा। जानकारों की राय है कि सईद ने यह काम पूरी तरह से पाकिस्तान हुक्मरानों की मर्जी से किया है क्योंकि अब उसके नए संगठन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। सामाजिक कार्य की आड़ में यह संगठन कश्मीर समेत भारत के दूसरे हिस्सों में भी अपने आतंकी भेजता रहेगा। सईद पहले ही इस तरह का काम कर चुका है। उसने सबसे पहले लश्करे तैयब्बा नाम से आतंकी संगठन बनाया था जिसका नाम बाद में बदल कर जेयूडी रखा था।
पाक सरकार से सईद का अनुरोध उनके बीच का मामला : स्वरूप
भारतीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक जमात उद दावा का नाम हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जारी आतंकी संगठनों की सूची में फिर से जारी किया गया है। जिस तरह से उसने लश्कर का नाम बदल जमात किया उसी तरह से अब इसका दूसरा नाम रख दिया गया है। भारतीय खुफिया एजेंसियों को इस बात की भी सूचना है कि इधर कुछ महीनों से एक अन्य आतंकी सगंठन जैश ए मोहम्मद को फिलहाल चुप रहने का निर्देश दिया गया है क्योंकि भारत ने जैश व उसके आका मौलाना मसूद अजहर के मुद्दे पर लगातार पाक को घेर रहा है। चीन का साथ पाकर पाक के हौसले बुलंद हैं। लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि हाफिज के मामले में जिस तरह पाक मजबूर हुआ है उसके बाद मसूद को लेकर चीन पर भी दबाव बढ़ेगा।
जमात इधर फिर से भारत विरोधी गतिविधियों का केंद्र बन गया है। कश्मीर को लेकर उसने फिर से चंदा वसूलने का काम शुरु कर दिया है। साथ ही कश्मीर मुद्दे पर कई रैलियां भी आयोजित की है। अब यह काम नई एजेंसी तहरीक करेगी।