बड़े पैमाने पर भारत में क्यों रद हुए H1-B वीजा के अपॉइंटमेंट? करना होगा लंबा इंतजार; आवेदकों की बढ़ी परेशानी
भारत में H1-B वीजा के अपॉइंटमेंट बड़े पैमाने पर रद्द कर दिए गए हैं, जिससे आवेदकों को लंबा इंतजार करना होगा और उनकी परेशानी बढ़ गई है। वीजा अपॉइंटमेंट ...और पढ़ें

भारत में H-1B वीजा रिन्यूअल अपॉइंटमेंट अचानक रद। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के सबसे अधिक मांग वाले एच1 वीजा को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। भारत में बड़े पैमाने पर पहले से तय किए गए हजारों H-1B वीजा आवेदकों के साक्षात्कारों को रद कर दिया गया है। नई तिथियों के आने में लंबा समय देखने को मिल सकता है।
दरअसल, जिन आवेदकों के इंटरव्यू पहले से तय थे, अब उन्हें कई महीनों बाद के लिए शेड्यूल किया गया है। रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि नए ज्यादा सख्त बैकग्राउंड और सोशल मीडिया जांच नियमों की वजह से ऐसा हुआ है।
बताया जा रहा है कि जिन आवेदकों की वीजा अपॉइंटमेंट 15 दिसंबर के बाद थी, वे खास तौर पर इससे प्रभावित हुए हैं। वहीं, कुछ इंटरव्यू तो अक्तूबर 2026 तक के लिए रीशेड्यूल किए गए हैं। इससे बड़ी संख्या में आवेदकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अमेरिकी दूतावास ने दी आवेदकों को जानकारी
इधर, अमेरिकी दूतावास ने वीजा अप्लाई करने वालों से कहा कि वे अपनी पहले से तय इंटरव्यू वाली तारीख पर काउंसलर ऑफिस न आएं। बता दें कि इसी महीने दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट ने कहा था कि अगर आपको कोई ईमेल मिला है जिसमें बताया गया है कि आपकी वीजा अपॉइंटमेंट रीशेड्यूल कर दी गई है, तो मिशन इंडिया आपकी नई अपॉइंटमेंट तारीख पर आपकी मदद करने के लिए तैयार है। अपनी पहले से तय अपॉइंटमेंट तारीख पर आने पर आपको दूतावास या कॉन्सुलेट में एंट्री नहीं दी जाएगी।
आवेदकों को करना पड़ेगा लंबा इंतजार
गौरतलब है कि बढ़ी हुई जांच-पड़ता के उपायों को देखते हुए एच1-बी वीजा आवेदकों के लिए तय इंटरव्यू को बड़े पैमाने पर रद करने से उनके अमेरिका लौटने में काफी देरी होने की संभावना है।
समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, इंटरव्यू को रीशेड्यूल करना उन सभी आवेदकों पर लागू होगा जिनके इंटरव्यू पहले 15 दिसंबर से आगे के लिए तय थे।
बताया जा रहा है कि अधिकांश प्रभावित आवेदक इंटरव्यू के लिए पहले से ही भारत में ही थे और अब वे अपनी नई रीशेड्यूल इंटरव्यू की तारीखों तक अमेरिका वापस नहीं जा सकेंगे। इसके पीछे की वजह है कि उनके पास अपनी नौकरी पर वापस जाने के लिए वैलिड H1-B वीजा नहीं है।
एच1-बी वीजा के नियमों को सख्त कर रहा अमेरिका
गौरतलब है कि डोनल्ड ट्रंप प्रशासन अपनी इमिग्रेशन की जांच की नई पॉलिसी के तहत एच1-बी वीजा प्रोग्राम को सख्त कर रहा है। अब वीजा के लिए आवेदन वालों के लिए सोशल मीडिया पोस्ट और प्रोफाइल की भी जांच की जा रही है। इससे आवेदनों को स्वीकृत होने में समय लग रहा है और बड़ी संख्या में आवेदकों के आवेदन रद भी हो रहे हैं।
क्या है एच1-बी वीजा?
एच1-बी वीजा प्रोग्राम के अंतर्गत कंपनियां खास स्किल वाले विदेशी वर्कर्स को अमेरिका में काम करने के लिए नौकरी पर रखती हैं। शुरू में तीन साल के लिए ये वीजा दिया जाता है, बाद में और तीन साल के लिए इसको रिन्यू करने का प्रावधान है।
यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (UNCIS) के अनुसार, हाल के सालों में अप्रूव्ड सभी एच1-बी वीजा आवेदन में करीब 71 प्रतिशत भारतीय थे। इसी साल सितंबर में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने एक घोषणा पर साइन किया, जिसमें एच1-बी वीजा की फीस बढ़ा कर $100,000 कर दी गई।

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