3,000 बीघा जमीन निजी कंपनी को आवंटित करने पर कोर्ट ने जताई नाराजगी, कहा- ये कैसा मजाक?
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने असम के दीमा हसाओ जिले में एक निजी सीमेंट कारखाने को 3000 बीघा जमीन देने पर राज्य सरकार की आलोचना की है। कोर्ट ने पूछा कि क्या यह कोई मजाक है। कोर्ट ने कंपनी को जमीन का इतना बड़ा हिस्सा देने की नीति से जुड़े रिकॉर्ड पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई एक सितंबर को होगी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुवाहाटी हाईकोर्ट ने असम के आदिवासी बहुल दीमा हसाओ जिले में एक निजी सीमेंट कारखाने को 3,000 बीघा जमीन आवंटित करने पर राज्य सरकार की आलोचना की है और पूछा है कि क्या यह कोई ''मजाक'' है।
कोर्ट ने उत्तरी कछार हिल्स जिला स्वायत्त परिषद (एनसीएचडीएसी) के वकील को निर्देश दिया कि वह कंपनी को ''जमीन का इतना बड़ा हिस्सा'' आवंटित करने की नीति से संबंधित रिकार्ड प्राप्त करके अदालत के समक्ष पेश करें।
जस्टिस संजय कुमार मेधी ने अपने आदेश में कहा कि मामले के तथ्यों पर सरसरी निगाह डालने से पता चलता है कि आवंटित की गई जमीन लगभग 3000 बीघा है, ''जो अपने आप में असाधारण प्रतीत होती है''।
3,000 बीघा जमीन , क्या यह कोई मजाक है- कोर्ट
याचिका की सुनवाई के दौरान जज ने कहा, ''3,000 बीघा!..क्या हो रहा है? 3,000 बीघा जमीन एक निजी कंपनी को आवंटित?..यह कैसा फैसला है? क्या यह कोई मजाक है या कुछ और?'' पिछले हफ्ते दो रिट याचिकाओं की सुनवाई के दौरान जज ने एक टिप्पणी में कहा कि यह पूरे जिले का क्षेत्रफल हो सकता है।
एक सितंबर को होगी अगली सुनवाई
पहली याचिका असम सरकार, एनसीएचडीएसी और अन्य संबंधित विभागों के खिलाफ 22 लोगों द्वारा दायर की गई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि उन्हें दीमा हसाओ जिले में उनकी वैध रूप से अधिकृत भूमि से बेदखल किया जा रहा है।
दूसरी याचिका महाबल सीमेंट कंपनी द्वारा दायर की गई थी, जिसे संयंत्र के निर्माण के लिए 3,000 बीघा (लगभग 991.73 एकड़) भूमि आवंटित की गई है। जस्टिस मेधी ने कहा कि ये दोनों रिट याचिकाएं आपस में जुड़ी हुई हैं और इन पर एक साथ सुनवाई की जाएगी। इस मामले की अगली सुनवाई एक सितंबर को होगी।
अदाणी समूह ने जमीन आवंटन की खबरों का किया खंडन
अदाणी समूह ने सोमवार को मीडिया में चल रही उन खबरों को खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि असम सरकार ने राज्य में सीमेंट संयंत्र के लिए उसे जमीन आवंटित की है। उन्होंने इन खबरों को निराधार, झूठा और भ्रामक बताया।
अदाणी समूह के प्रवक्ता ने कहा, ''हमारे संज्ञान में आया है कि कुछ खबरें, इंटरनेट मीडिया पोस्ट और अदालती सुनवाई के क्लिप प्रसारित किए जा रहे हैं, जिनमें यह दावा किया जा रहा है कि असम सरकार ने अदाणी समूह को दीमा हसाओ में सीमेंट संयंत्र के लिए 3,000 बीघा जमीन आवंटित की है। ये खबरें निराधार, झूठी एवं भ्रामक हैं।'
(समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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