गुजरात में मंत्रिमंडल फेरबदल में इन दिग्गज नेताओं के साथ हुआ खेला, क्या होगा अगला कदम?
गुजरात भाजपा ने भूपेंद्र पटेल को छोड़कर सभी पुराने चेहरे बदल दिए। सौराष्ट्र के पाटीदार नेता जयेश रादडिया मंत्री बनने से चूक गए, जबकि पुरुषोत्तम सोलंकी फिर मंत्री बने। रादडिया का पत्ता इफको चुनाव में पार्टी लाइन से अलग जाने के कारण कटा। वहीं, सोलंकी ढाई दशक से मंत्री पद पर बने हुए हैं, जिससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा जारी है।

भाजपा ने बदले गुजरात में चेहरे।
शत्रुघ्न शर्मा, जागरण अहमदाबाद। गुजरात में भाजपा ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को छोड़कर सभी चेहरे बदल दिए। दिग्गज नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया तो लंबे समय से मंत्री पद की राह देख रहे कुछ नेता हाथ मलते रह गए। सौराष्ट्र के दिग्गज पाटीदार नेता जयेश रादडिया के साथ ऐसा ही हुआ। जबकि मंत्रिमंडल से जाने के पुख्ता सूचना के बावजूद परषोत्तम सोलंकी एक बार फिर राजनीतिक पंडितों को चकमा दे गए।
गुजरात की राजनीति में कब क्या हो जाए, इसका किसी को अंदाजा नहीं होता। लेकिन एक बात तय है कि सत्ता के गलियारे में जिसका नाम जोरों से उछलता है उसका पत्ता पहले कटता है। राज्य मंत्रिमंडल के पुनर्गठन में सौराष्ट्र राजकोट के दिग्गज पाटीदार नेता एवं पूर्व मंत्री जयेश रादडिया के मंत्री बनने की पूरी पूरी संभावना थी लेकिन सामने आई मंत्रियों की सूची से उनका नाम गायब था। दरअसल गत वर्ष राज्य में हुए इफको के निदेशक के चुनाव में जयेश ने पर्चा भरा था।
भाजपा ने बदले गुजरात में चेहरे
प्रदेश भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष सीआर पाटिल ने बिपिन भाई पटेल को पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया लेकिन जयेश अड़े रहे और सौराष्ट्र लाबी के बूते इफको के निदेशक का चुनाव जीत गए। अब जब राज्य में मंत्री बनने की बारी आई तो उनका नाम सबसे अधिक चर्चा में था, लेकिन माना जा रहा है कि सहकारी चुनाव के कारण अमित शाह और पाटिल की नाराजगी के चलते उनका पत्ता कट गया।
सौराष्ट्र के ही भावनगर से आने वाले परषोत्तम सोलंकी राज्य में ढाई दशक से भी लंबे समय से मंत्री पद पर विराजमान हैं। केशुभाई पटेल की सरकार में पहली बार मंत्री बने। इसके बाद मुख्यमंत्री बदले और नरेन्द्र मोदी आए। इसके बाद आनंदीबेन पटेल, विजय रुपाणी, भूपेंद्र पटेल बने लेकिन सोलंकी हर सरकार में यथावत रहे।

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