गुजरात में छोटे अपराधों पर जेल के बजाय होगा जुर्माना, विधानसभा में जल्द 'जन विश्वास बिल' होगा पेश
गुजरात सरकार जल्द ही जन विश्वास बिल पेश करने जा रही है जिसका उद्देश्य व्यापार को सुगम बनाना और विश्वास आधारित शासन को बढ़ावा देना है। विधेयक में छोटे अपराधों को गैर-आपराधिक बनाने और मौद्रिक दंड से बदलने का प्रस्ताव है। इससे अदालतों पर बोझ कम होगा। यह विधेयक 11 मौजूदा अधिनियमों में संशोधन करेगा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुजरात सरकार जल्द ही 'जन विश्वास बिल' पेश करने जा रही है, जिसका उद्देश्य कुछ अपराधों को गैर-आपराधिक बनाना है, ताकि विश्वास आधारित शासन को बढ़ावा दिया जा सके और व्यापार करने में आसानी हो। इसके लिए कुछ अधिनियमों में संशोधन भी करना होगा।
विधेयक के अनुसार छोटे अपराधों के लिए कारावास का डर व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र और व्यक्तिगत आत्मविश्वास की वृद्धि में प्रमुख बाधा है। सरकार इसलिए कई छोटे अपराधों को गैर-आपराधिक बनाने पर विचार कर रही है, ताकि उन्हें मौद्रिक दंड से बदला जा सके। ऐसे उपायों से सरकार जीवन व व्यवसाय को आसान बनाने और अदालतों पर बोझ कम करने का काम कर रही है।
विधेयक में क्या-क्या प्रस्ताव रखे गए?
- गुजरात के विधायी मामलों के मंत्री रुशिकेश पटेल ने बुधवार को बताया कि यह विधेयक विभिन्न अपराधों जैसे कि बिना अनुमति के निर्माण, सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण, गंदगी का न हटाना, सार्वजनिक स्थानों पर मवेशियों को बांधना और कुछ करों के भुगतान में चूक के लिए दंड और जुर्माने के साथ दंडात्मक कानूनी कार्रवाई को बदलने का प्रस्ताव करता है।
- इसके अलावा बिना नगरपालिका की अनुमति के खुले स्थान में गंदा पानी या कोई अन्य तरल या सामग्री छोड़ना, बिना अनुमति के डेयरी उत्पाद बेचना, बिना लाइसेंस के भाप की सीटी का उपयोग करना और वेश्यावृत्ति के उद्देश्य से घूमना जैसे अपराधों के लिए जेल भेजने के बजाय अब जुर्माने का प्रविधान किया जाएगा।
- बिना अनुमति के इमारत में तीर्थयात्रियों को ठहराने, नगरपालिका के जारी किसी वैध दिशा-निर्देश या नोटिस का पालन नहीं करने, सड़कों के नाम व नंबर को विकृत करने और अधिकृत व्यक्तियों को किसी परिसर में प्रवेश करने से रोकने जैसे अपराधों के लिए भी जुर्माना लगेगा।
अधिनियमों के कुछ प्रविधानों में होगा संशोधन
गुजरात का आगामी मानसून सत्र में राज्य सरकार 'गुजरात जन विश्वास (प्रविधानों में संशोधन) बिल' पेश करेगी, जो 11 मौजूदा अधिनियमों में कुछ संशोधन करेगा। मानसून सत्र 8 से 10 सितंबर तक चलेगा और जन विश्वास बिल सहित पांच बिलों को चर्चा और सदन की स्वीकृति के लिए पेश होगा।
यह बिल गुजरात सहकारी समाज अधिनियम, 1961, गुजरात कृषि उत्पाद और विपणन (प्रोत्साहन और सुविधा) अधिनियम, 1963, गुजरात नगर योजना और शहरी विकास अधिनियम, 1976, गुजरात नगरपालिका अधिनियम, 1963 और गुजरात प्रांतीय नगरपालिका निगम अधिनियम, 1949 सहित 11 अधिनियमों के मौजूदा प्रविधानों में संशोधन करेगा।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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