'अधिकारियों की तय की जाए जिम्मेदारी', सफाई कर्मियों की मौत पर गुजरात हाईकोर्ट सख्त
गुजरात हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि सफाई कर्मचारियों की मौत के मामलों में केवल ठेकेदारों को दोषी ठहराने के बजाय अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय हो। कोर्ट ने कहा कि हर घटना के बाद ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करना निरर्थक है क्योंकि नए ठेकेदार भी वही गलतियां करते हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुजरात हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि सफाई कर्मचारियों की मौत के मामलों में केवल ठेकेदारों को दोषी ठहराने के बजाय अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। कोर्ट ने सोमवार को कहा कि सरकार की यह प्रथा कि हर घटना के बाद ठेकेदार को 'ब्लैकलिस्ट' किया जाता है, निरर्थक है, क्योंकि नए ठेकेदार भी वही गलतियां करते हैं।
अधिवक्ता जनरल कमल त्रिवेदी ने न्यायालय की टिप्पणियों से सहमति जताई और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इस मामले में अधिकारियों की जवाबदेही तय करने का प्रयास करेगी। हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति डीएन राय की पीठ ने 2016 में दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की, जिसमें सफाई कर्मचारियों की मौतों का मुद्दा उठाया गया था।
मैनुअल स्कैवेंजिंग की प्रक्रिया में कर्मचारियों को सीवर, सेप्टिक टैंक और नालियों की सफाई के लिए मैनहोल में प्रवेश करना पड़ता है। कई बार वे हादसे का शिकार होकर अपनी जान गंवा बैठते हैं।
मुख्य न्यायाधीश अग्रवाल ने सुनवाई के दौरान कहा- ''यदि ऐसा कोई हादसा होता है तो नगरपालिकाओं के मुख्य अधिकारियों यानी सीओ को कार्रवाई करनी चाहिए। पिछली बार एक सीओ पूरी तरह से अनजान थे। उनकी प्रतिक्रिया बहुत सतही थी जैसे कि यह उनका काम नहीं है। यदि आप एक ठेकेदार को नियुक्त करते हैं तो मुख्य नियोक्ता का उत्तरदायित्व कभी समाप्त नहीं होता।''
केवल ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करना उचित नहीं-कोर्ट
न्यायालय ने कहा कि यह संदेश जाना चाहिए कि मैनुअल स्कैवेंजिंग में लगे सफाईकर्मियों की मौत के प्रति जीरो टालरेंस नीति है। उन्होंने कहा- ''ठेकेदार की किसी भी गलती के लिए अंतिम जिम्मेदारी नियोक्ता की होनी चाहिए। यदि किसी प्रकार की जिम्मेदारी मुख्य कर्मचारी पर तय की जाती है, तभी सभी को सतर्क किया जाएगा कि यह कुछ ऐसा है जो स्वीकार्य नहीं है। '' उन्होंने कहा कि हर बार केवल ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करना उचित नहीं है।
(समाचर एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
यह भी पढ़ें- मेडिकल कॉलेजों में आरक्षण रद करने के खिलाफ सरकार की अपील पर सुनवाई पूरी, कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।