Gujarat floods: तापी में उकाई बांध से छोड़ा गया 60 हजार क्यूसेक पानी, सीएम भूपेंद्र पटेल ने हालात का लिया जायजा
Gujarat floods गुजरात में भारी बारिश के कारण कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं। गुजरात के उकाई बांध से 60000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया जो तापी जिले में तापी नदी पर बना है क्योंकि इस क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश हुई है।
तापी, एजेंसी। गुजरात में लगातार बारिश से बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। गुजरात के तापी जिले में तापी नदी पर बनाए गए उकाई बांध से कम से कम 60,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है क्योंकि इस क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश हुई है। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने गुजरात के कई जिलों को प्रभावित किया है।
इससे पहले शुक्रवार को भी भारी बारिश और पूर्णा नदी में जलस्तर बढ़ने से नवसारी जिला बुरी तरह प्रभावित हुआ है। महाराष्ट्र में बांधों के ओवरफ्लो होने से पूर्णा नदी का जलस्तर बढ़ गया है।
#WATCH | Gujarat: 60,000 cusecs of water released from Ukai dam which's built across Tapi river in Tapi district as the region witnessed heavy rainfall in the past few days (18.07) pic.twitter.com/5y2ltAVVel
— ANI (@ANI) July 19, 2022
राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य के मौजूदा हालात का जायजा लिया। उन्होंने सभी जिला कलेक्टरों और प्रशासनों को कड़ी मेहनत करने के निर्देश दिए क्योंकि पानी अब काफी कम हो गया है और उन्हें राज्य में प्राकृतिक आपदा के कारण हुए विनाश का सर्वेक्षण करने के लिए भी कहा। पटेल ने उन्हें नुकसान झेलने वाले लोगों को आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कहा।
एक अन्य जिला वलसाड भी पिछले कुछ दिनों के दौरान जिले के कई हिस्सों में हुई मूसलाधार बारिश के बाद बाढ़ की चपेट में है। शहर में भारी बारिश के बाद रविवार (10 जुलाई) को औरंगा नदी का पानी ओवरफ्लो होने लगा, जिससे वलसाड जिले के निचले इलाकों में पानी भर गया.
एनडीआरएफ की टीमों और स्थानीय प्रशासन ने रविवार (10 जुलाई) को लगभग 300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था।
अधिकारियों ने बुधवार को पुष्टि की कि दक्षिण गुजरात और कच्छ-सौराष्ट्र के कुछ हिस्सों में पिछले 24 घंटों (13 जुलाई को) में बहुत भारी बारिश हुई, जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि इस बारिश के मौसम में अब तक 31,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है।
बारिश से हुए नुकसान के कारण कच्छ, नवसारी और डांग जिलों में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग भी अवरुद्ध हो गए हैं। राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने संवाददाताओं को बताया कि 51 राज्य राजमार्ग और 400 से अधिक पंचायत सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
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