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    कहां खर्च होने वाला था गुजरात में 21,000 करोड़ रुपये की ड्रग्स का पैसा, NIA ने दिया जवाब; पहलगाम हमले से जुड़ा है कनेक्शन?

    By Agency Edited By: Piyush Kumar
    Updated: Thu, 24 Apr 2025 11:05 PM (IST)

    गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर जब्त की गई 21000 करोड़ रुपये की ड्रग्स के पैसे का इस्तेमाल लश्कर-ए-तैयबा की आतंकी गतिविधियों के लिए किया जाना था। एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली के व्यवसायी हरप्रीत सिंह तलवार उर्फ कबीर तलवार की जमानत याचिका का विरोध करते हुए यह जानकारी दी। तलवार को इस मामले में अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था।

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    जरात के मुंद्रा बंदरगाह पर 21,000 करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामदगी मामले पर एनआईए ने दी जानकारी।(फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। एनआइए ने गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर 21,000 करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामदगी से जुड़े मामले में गिरफ्तार दिल्ली के व्यवसायी हरप्रीत सिंह तलवार उर्फ कबीर तलवार की जमानत अर्जी का बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया।

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    एनआइए ने कहा कि बिक्री से प्राप्त धनराशि का इस्तेमाल लश्कर-ए-तैयबा की आतंकी गतिविधियों के लिए किया जाना था।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने तलवार की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। तलवार दिल्ली में कई लोकप्रिय क्लबों का संचालन करता था। उसे इस मामले में अगस्त, 2022 को गिरफ्तार किया गया था, जिसे भारत में ड्रग्स की सबसे बड़ी बरामदगी बताया जाता है।

    ड्रग तस्करों को लेकर क्या बोली एजेंसी?

    एनआइए की तरफ से अतिरिक्त सालिसिटर जनरल ऐश्वर्य भाटी ने कहा, 'ये लोग संगठन के मुखौटा होते हैं, लेकिन इनके हाथ भी आतंकी हमलों में जान गंवाने वाले निर्दोषों के खून से रंगे होते हैं।'

    उन्होंने कहा कि यह भारत में सेमी-प्रोसेस्ड टैल्क स्टोन के वैध आयात के नाम पर हेरोइन की बड़ी खेप भेजने का मामला है। एजेंसी ने अपने हलफनामे में कहा, 'उक्त सेमी-प्रोसेस्ड टैल्क स्टोन हेरोइन से भरे स्टोन थे, जिन्हें नई खोली गई प्रोपराइटर फर्मों और मुखौटा कंपनियों के नाम पर भारत में आयात किया गया था। इन कंपनियों ने हेरोइन से भरे इन सेमी-प्रोसेस्ड टैल्क स्टोन को व्यापारिक वस्तु दिखाया था।'

    एजेंसी ने कहा कि वैध आयात माध्यमों से हेरोइन से भरे इन सेमी-प्रोसेस्ड टैल्क स्टोन के आयात में सफल होने के बाद अफगानिस्तान के एक ड्रग्स तस्कर ने आइएसआइ और ईरान के एक बिचौलिये की मदद से उसी प्रक्रिया का सहारा लेकर 2988.21 किलोग्राम हेरोइन की एक बड़ी खेप आयात की, जिसका इस्तेमाल अफगानिस्तान से ईरान के बंदर अब्बास के रास्ते खेप भेजने और भारत में मेसर्स आशी ट्रेडिंग कंपनी के नाम पर टैल्क पाउडर के रूप में आयात करने के लिए किया गया था।

    एनआइए ने आरोप लगाया, 'सभी खेप की बिक्री से अर्जित राशि का इस्तेमाल लश्कर-ए-तैयबा की आतंकी गतिविधियों के लिए किया जाना था। जांच में पहले ही सामने आ चुका है कि इस नार्को-टेरर की मुख्य साजिशकर्ता आइएसआइ और लश्कर-ए-तैयबा हैं। ऐसे में याचिकाकर्ता को जमानत नहीं दी जानी चाहिए।

    कंटेनर से कुल 2988.21 किलोग्राम हेरोइन बरामद हुई थी

    'गुजरात में 12 सितंबर, 2021 को अफगानिस्तान से ईरान के रास्ते मुंद्रा बंदरगाह पर कुछ कंटेनर पहुंचे थे, जिनमें सेमी-प्रोसेस्ड टैल्क स्टोन से भरे बैग रखे हुए थे। जांच में कंटेनर से कुल 2988.21 किलोग्राम हेरोइन बरामद हुई थी। जांचकर्ताओं ने पाया कि यह छठी और आखिरी खेप थी, जिसे पकड़ा गया था। इस सिलसिले में अफगान नागरिकों सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

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