गुजरात: महिला प्रिंसीपल से 11 करोड़ की साइबर ठगी, आरोपी गिरफ्तार
गुजरात में एक महिला प्रिंंसीपल को सीबीआई और सीआईडी का डर दिखाकर डिजिटल अरेस्ट कर 11 करोड़ से अधिक की ठगी करने वाले तीन साइबर अपराधी गिरफ्तार हुए हैं। आरोपियों ने महिला और उसके पति को वीडियो कॉल के जरिए धमकाया और उनके बैंक खाते खाली कर दिए। पुलिस ने आरोपियों से मोबाइल और नकदी बरामद की है।

ठग गिरफ्तार।
राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद : गुजरात में एक महिला प्राध्यापक को सीबीआइ, सीआइडी का डर दिखाकर 83 दिन डिजीटल अरेस्ट कर 11 करोड़ 42 लाख रुपये ठगने वाले तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से दो आरोपित 12वीं पास हैं, जबकि तीसरा स्नातक है।
साइबर सेंटर ऑफ एक्सलेंस के पुलिस अधीक्षक डॉ. राजदीप सिंह ने बताया कि गांधीनगर माणसा के पार्थ, मेहुल सिंह और गोंडल के प्रवीण सिंह चावड़ा को गांधीनगर से गिरफ्तार किया गया। ये तीनों दुबई व कंबोडिया के साइबर अपराधियों के साथ मिलकर ठगी का यह नेटवर्क चला रहे थे।
ये केरल के एक व्यक्ति के माध्यम से यूरो फ्रेश जनरल ट्रेडिंग के बैंक खाते में साइबर ठगी की रकम जमा कराते थे। एक वर्ष में पांच डिजिटल अरेस्ट कर ठगी के जरिये करीब 21 करोड़ रुपये इस खाते में जमा कराये थे। ठगों ने महिला प्राध्यापक व उसके पति के भविष्य निधि के लाखों रुपये, एफडी के रुपये बटोरने के साथ ही उसके बैंक खातों को पूरा खाली कर दिया।
वीडियो काल के जरिये उसे धमकाते रहे तथा मोबाइल बंद न करने की चेतावनी देते थे। स्वयं को सीबीआइ व सीआइडी अधिकारी बताकर इस दंपती को लगातार प्रताड़ित करते रहे। दोनों जब बाहर जाते तब भी उन्हें वीडियो काल चालू रखना पड़ता था।
पुलिस निरीक्षक पीडी मकवाणा के अनुसार, महिला प्राध्यापक को 83 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर उससे 11 करोड 42 लाख रु ठगे गए। इसमें से दुबई तीन करोड़ रुपये भेजने थे लेकिन इन्होंने नहीं भेजे। इसी बात को लेकर इनके बीच मनमुटाव हो गया था।
पुलिस ने तीनों की धरपकड़ कर इनके पास से तीन मोबाइल व सवा लाख रुपये नकदी बरामद की है। इन्होंने ठगी की रकम को ठिकाने लगाने के लिए गुजरात के अलावा आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र व बंगाल में भी बैंक खाते खोले।

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