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    गुजरात ATS का एक्शन, पाकिस्तानी जासूसों से जानकारी साझा करने के आरोप में पूर्व सैनिक और महिला गिरफ्तार

    Updated: Thu, 04 Dec 2025 11:30 PM (IST)

    गुजरात एटीएस ने पाकिस्तानी जासूसों को खुफिया जानकारी साझा करने के आरोप में एक पूर्व सैनिक और एक महिला को गिरफ्तार किया है। इन पर देश की सुरक्षा से जुड ...और पढ़ें

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    पूर्व सैनिक और महिला गिरफ्तार।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने सैन्य प्रतिष्ठानों और कर्मियों के बारे में संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तानी एजेंटों से साझा करने के आरोप में एक सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी और एक महिला को गिरफ्तार किया है।

    आरोपित अजय कुमार सिंह को एक पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी ने भारतीय सेना की रेजीमेंटों की गतिविधियों और प्रमुख सैन्य अधिकारियों के स्थानांतरण के बारे में जानकारी देने के लिए मनाया था। जबकि, अन्य आरोपित रश्मणी पाल को कुछ व्यक्तियों को मोहपाश (हनी ट्रैप) में फंसाने के लिए कहा गया था।

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    एटीएस के अनुसार, बिहार के मूल निवासी सिंह को गोवा में गिरफ्तार किया गया। वहां वह 2022 में सेवानिवृत्ति के बाद एक डिस्टिलरी में काम कर रहा था। मूल रूप से उत्तर प्रदेश की निवासी रश्मणी पाल को केंद्र शासित प्रदेश दमन से पकड़ा गया। वहां वह ट्यूशन पढ़ाती थी।

    एटीएस ने कहा कि अंकिता शर्मा के नाम से काम करने वाली पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी सिंह के संपर्क में थी। एटीएस पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ कोरुकोंडा ने बताया कि पाल 'प्रिया ठाकुर' के फर्जी नाम से काम करती थी। कथित रूप से अपने पाकिस्तानी आकाओं के इशारे पर सैन्य कर्मियों से दोस्ती कर उनसे सूचनाएं हासिल करती थी।

    पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सिंह से 'अंकिता शर्मा' ने तब संपर्क किया था, जब वह 2022 में नगालैंड के दीमापुर शहर में भारतीय सेना में सूबेदार था। उन्होंने कहा कि सिंह ने सेवानिवृत्ति के बाद गोवा में सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर ली। उससे दोस्ती कर और उसका विश्वास जीतकर पाकिस्तानी एजेंट ने उससे रेजिमेंटों की आवाजाही और प्रमुख सैन्य अधिकारियों के तबादलों जैसी संवेदनशील जानकारी मांगी।

    फोटो और वीडियो को किया था साझा कोरुकोंडा के अनुसार, पाकिस्तानी जासूस के कहने पर सिंह ने फोटो और वीडियो के जरिये जानकारी साझा की थी। पड़ोसी देश के जासूस ने सिंह के मोबाइल फोन पर एक 'ट्रोजन मैलवेयर' फाइल भी भेजी थी। उसे इसे 'सेव' और 'इंस्टाल' करने का निर्देश दिया गया था, जिससे संवेदनशील जानकारी वाट्सएप के जरिये साझा न करनी पड़े। उन्होंने बताया कि इस मैलवेयर की मदद से एजेंट ¨सिंह के मोबाइल पर दूर से ही नजर रख पाता था।

    पाल ने प्रिया ठाकुर के नाम से बनाई अपनी फर्जी पहचान

    पाल से पूछताछ का हवाला देते हुए पुलिस अधीक्षक ने कहा कि वह पैसे के लिए पाकिस्तानी आकाओं अब्दुल सत्तार और खालिद के लिए एक प्रमुख सूत्रधार के रूप में काम करने के लिए सहमत हुई थी। अब्दुल सत्तार और खालिद के निर्देश पर उसने प्रिया ठाकुर नाम से अपनी फर्जी पहचान बनाई और भारतीय सेना के जवानों के साथ दोस्ती बढ़ानी शुरू कर दी।

    उन्होंने बताया कि गृहिणी पाल को पाकिस्तान स्थित संचालक समय-समय पर मोबाइल नंबरों की सूची मुहैया कराते थे। वह सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी हासिल करने के लिए कुछ लोगों को फंसाने की फिराक में थी।

    पुलिस अधीक्षक के अनुसार, पाकिस्तानी आकाओं ने पाल को खास तौर पर कुछ सैन्य इकाइयों, उनके युद्ध अभ्यासों और गतिविधियों के बारे में जानकारी एकत्र करने का निर्देश दिया था। पाल अब्दुल सत्तार के पाकिस्तानी नंबर पर सीधे संपर्क में थी। पैसे के लेन-देन के लिए उसने एक नया खाता खोला था।