तीन दिन में होगा GST रजिस्ट्रेशन, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने पर होगा फोकस; पीएम मोदी ने क्या किया था एलान?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी में शीघ्र सुधारों की बात की है। सरकार का लक्ष्य है कि जीएसटी प्रणाली भ्रष्टाचार मुक्त हो और इंस्पेक्टर राज से मुक्ति मिले। जीएसटी पंजीयन प्रक्रिया को तेज किया जाएगा जो अब तीन दिनों में पूरा होगा। जीएसटी काउंसिल की आगामी बैठक में पारदर्शी क्रियान्वयन पर चर्चा होगी। पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2025 को जीएसटी में सुधार की घोषणा की थी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले तीन दिनों में पीएम नरेन्द्र मोदी दो बार सार्वजनिक मंच से वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) में शीघ्र होने वाले बड़े सुधारों की अहमियत बता चुके हैं।
वित्त मंत्रालय की तैयारी इस बार सिर्फ जीएसटी की दरों में कुछ बदलाव भर करने की नहीं है बल्कि जिस सोच के साथ वर्ष 2017 में जीएसटी को लागू किया गया था, उसको अमली जामा पहनाना है।
इस बार सरकार का एक बड़ा मकसद यह है कि पूरी जीएसटी प्रणाली भ्रष्टाचार विहीन हो, बदलाव इस तरह से हो कि ऊपर से लेकर नीचे तक कहीं भी आम कारोबारी को इंसपेक्टर राज से राहत मिले। इसकी शुरुआत जीएसटी पंजीयन की प्रक्रिया को फास्ट ट्रैक पर लाकर किया जाएगा। पंजीयन की प्रक्रिया सिर्फ तीन दिनों में पूरा करना अनिवार्य होगा। अभी इसमें छह दिनों का समय लगता है।
आगामी बैठक में क्या होगी बात?
माना जा रहा है कि जीएसटी काउंसिल की आगामी बैठक में पारदर्शी क्रियान्वययन को लेकर बात होगी। यह देखा गया है कि 95 फीसद शिकायतें जीएसटी पंजीयन को लेकर आती हैं। कारोबारी पंजीयन की कोशिश करता है, लेकिन इसमें निर्धारित छह दिनों से भी ज्यादा समय लगता है।
पंजीयन प्रक्रिया आसान होने पर शिकायतों में आएगी कमी
अभी तक का अनुभव बताता है कि पूरी प्रक्रिया जितनी ज्यादा डिजिटल हुई है भ्रष्टाचार की संभावना उतनी ही कम हुई है। आने वाले दिनों में प्रकियाओं का और ज्यादा डिजिटलीकरण होगा।
उक्त सूत्रों का कहना है कि, "जीएसटी स्लैब की संख्या घटा कर सिर्फ दो किये जाने का फायदा तभी होगा जब टैक्स गणना से लेकर इसकी अदाएगी और अतिरिक्त भुगतान को क्रेडिट करने की प्रक्रिया भी त्रुटिपूर्ण हो।"
एक अधिकारी के अनुसार राज्यों को यह ध्यान देना चाहिए कि उनके अधिकारी पूरी प्रक्रिया को भ्रष्टाचारमुक्त और आसान बनाएं। समय से इनपुट टैक्स क्रेडिट हो इसपर जोर होगा। पीएम मोदी ने 15 अगस्त, 2025 को स्वतंत्रता दिवस समारोह के उपलक्ष्य पर भाषण देते हुए जीएसटी में सुधार कर आम जनता को राहत देने की घोषणा की थी।
आगामी बैठक होगी महत्वपूर्ण
रविवार (17 जनवरी) को भी नई दिल्ली में एक समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने जीएसटी सुधार का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें राज्य सरकारों को ज्यादा सक्रिय भूमिका निभानी होगी।
सूत्रों का कहना है कि इस बार सुधार के जरिए जीएसटी को लेकर केंद्र व राज्यों के बीच बेहतर सामंजस्य बनाने का भी काम किया जाएगा। यह सामंजस्य जीएसटी की गणना, ऑडिटिंग से लेकर जांच-पड़ताल में दिखेगी। इस बारे में 18-19 सितंबर, 2025 को जीएसटी काउंसिल की होने वाली बैठक काफी महत्वपूर्ण होगी।
सनद रहे कि संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) ने भी अपनी हालिया रिपोर्ट में जीएसटी व्यवस्था में खामियों की ओर इशारा किया था, जिसमें पंजीकरण और क्षतिपूर्ति निधि के लेखा-परीक्षण में देरी शामिल है। अधिकारी का मानना है कि नए जीएसटी को जितनी कुशलता और पारदर्शिता के साथ जमीन पर उतारा जाएगा उतना ही फायदा राज्यों को भी होगा।
लिया जाएगा अंतिम फैसला
सही तरीके से क्रियान्वयन हुआ तो दो स्लैब हटाने के बावजूद राजस्व में कमी नहीं होगी जिसमें राज्यों की भी बड़ी हिस्सेदारी होती है। ध्यान रहे कि 12 और 28 फीसद के जीएसटी को हटा दिया गया है और अब केवल 5 और 18 फीसद का स्लैब रहेगा। इस पर जीएसटी काउंसिल की बैठक में अंतिम फैसला होगा।
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