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    GDP और रोजगार में ग्रोथ, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस... विकसित भारत का आधार तैयार करेगा जीएसटी सुधार

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 11:07 PM (IST)

    केंद्र सरकार ने जीएसटी प्रणाली में सुधार किया है जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी और विकसित भारत का आधार तैयार होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है जिससे जीडीपी में वृद्धि होगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। दो स्तर की जीएसटी से निर्यात में कमी की भरपाई होगी और घरेलू मांग में वृद्धि होगी।

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    जीएसटी में सुधार से बदलेगी देश की तस्वीर।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वैश्विक अनिश्चितता के दौर में केंद्र सरकार ने जीएसटी प्रणाली में बड़ा सुधार किया है। यह फैसला न सिर्फ भारतीय अर्थव्यवस्था को मौजूदा कठिनाइयों से बाहर निकालने में मदद करेगा, बल्कि यह विकसित भारत का आधार भी तैयार करेगा। इससे अगले दो-तीन वर्षों तक भारत की आर्थिक विकास दर आठ प्रतिशत या इससे ज्यादा बनाए रखने में मदद मिलेगी।

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    कुछ विशेषज्ञों ने इसे देश में 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' (कारोबार करने में सहूलियत) की दिशा में सबसे अहम कदम बताया है। इससे न केवल हमारी जीडीपी में वृद्धि बरकरार रहेगी, बल्कि बढ़ती मांग से निवेश और रोजगार का अवसर भी तैयार होता रहेगा। भारतीय बाजार आकर्षक बनेगा, तो ज्यादा देश भारत के साथ व्यापार समझौता करेंगे।

    निर्यात में आई कमी की भरपाई करेगी दो स्तर की जीएसटी

    आज की अनिश्चित आर्थिक दुनिया में किसी भी देश की मजबूती का पहला आधार उसकी घरेलू मांग और खपत होनी चाहिए। दो स्तर की जीएसटी से अमेरिकी टैरिफ से भारतीय निर्यात में कमी की भरपाई होने की बात कही जा रही है। वजह यह है कि घरेलू जरूरत के सामानों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों, कारों, दोपहिया वाहन सब कुछ कम जीएसटी दिए जाने की वजह से सस्ते होंगे। लिहाजा इनकी मांग में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

    भारत की आर्थिक विकास दर में निर्यात की भूमिका बहुत ही कम होती है, क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था अब भी 60 प्रतिशत तक घरेलू मांग से प्रभावित होती है। ऐसे में वित्तीय उत्पादों से लेकर घरेलू उपकरणों, इलेक्ट्रिक उपकरणों आदि की मांग में वृद्धि होने को सीधे तौर पर चालू वित्त वर्ष में विकास दर तेज होने से जोड़ कर देखा जा रहा है। साथ ही भारत की कुल आबादी का 65 प्रतिशत हिस्सा गांवों में रहता है। इनकी क्रय क्षमता में जब भी वृद्धि होती है, तो विकास दर तेज होती है। जानकारों का मानना है कि जिस तरह से बड़े पैमाने पर उपभोग होने वाले उत्पादों पर अमूमन पांच प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है, वह ग्रामीण क्षेत्रों में कई तरह की मांगों को बढ़ाएगा।

    विशेषज्ञों की राय

    भारत लंबे समय तक उच्च विकास वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा उद्योग चैंबर फिक्की महासचिव ज्योति विज का कहना है कि जीएसटी ढांचे का पुनर्गठन और सरलीकरण भारत की आर्थिक सुधार यात्रा में एक मील का पत्थर है। टैक्स स्लैब की संख्या में कमी और अनेक वस्तुओं व सेवाओं को पांच प्रतिशत की दर में स्थानांतरित करने से आने वाले दिनों में मांग में वृद्धि की उम्मीद है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि भारत लंबे समय तक उच्च विकास वाली अर्थव्यवस्था के पथ पर आगे बढ़ता रहेगा।

    आम जनता और उद्योग जगत में आत्मविश्वास का संचार करेगा

    सीआइआइ की आर्थिक नीति परिषद के चेयरमैन आर दिनेश का कहना है कि अब पूरी कर व्यवस्था पारदर्शी होने जा रही है। टैक्स से जुड़े झंझट कम हो जाएंगे। यह आम जनता व उद्योग जगत में एक समान आत्मविश्वास का संचार करेगा। यह किसी भी देश के आर्थिक विकास को मजबूत करने के लिए सबसे आधारभूत मांग है। जिस तरह से बड़े पैमाने पर खपत होने वाले उत्पादों पर टैक्स कम किया गया है, उसका सकारात्मक असर होगा।

    हम अब इस युद्ध में शामिल हो चुके हैं, तेज सुधार समय की मांगम¨हद्रा समूह के चेयरमैन आनंद म¨हद्रा ने आर्थिक सुधारों की रफ्तार बढ़ाने की मांग की है। इंटरनेट मीडिया पर उन्होंने लिखा है कि हम अब इस युद्ध में शामिल हो चुके हैं। अधिक और तेज सुधार उपभोग और निवेश बढ़ाने का सबसे निश्चित तरीका है। इससे अर्थव्यवस्था का विस्तार होगा और विश्व में भारत की आवाज और बुलंद होगी।

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