क्या दुकानदारों को सामान बदलने की मिलेगी मोहलत, ग्राहकों को कितना मिलेगा फायदा? आज से नई GST दर लागू
सरकार ने जीएसटी दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों को 22 सितंबर से ही देने का आदेश दिया है चाहे वस्तुएँ खाने-पीने की हों या दवाइयाँ। व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी नहीं लगेगा। खुदरा दुकानदारों को पुराने स्टॉक को निकालने की मोहलत दी गई है लेकिन बिक्री घटे हुए दामों पर ही करनी होगी।

राजीव कुमार, नई दिल्ली। बाजार में कई दुकानदार इस बात की भी चर्चा कर रहे हैं कि उन्हें सरकार की तरफ से अगले वर्ष मार्च तक स्टाक क्लीयर करने की छूट मिल गई है और उसके बाद ही ग्राहकों को जीएसटी कटौती का लाभ मिलेगा।
लेकिन अप्रत्यक्ष कर विभाग की तरफ से साफ कर दिया गया है कि जीएसटी में कटौती का लाभ ग्राहकों को हर हाल में 22 सितंबर से ही देना होगा। चाहे वह खाने-पीने से जुड़ी वस्तुएं हों या फिर दवा व उनसे जुड़े उपकरण। जिन वस्तुओं की जीएसटी दरों में कटौती की गई है, उनकी बिक्री सोमवार से ही कम कीमत पर करनी होगी।
सोमवार से ही व्यक्तिगत रूप से खरीदे जाने वाले जीवन व स्वास्थ्य बीमा पर भी कोई जीएसटी नहीं लगेगा। पहले इन पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता था।सरकार के मुताबिक, 50 से अधिक आम दवाइयों पर जीएसटी में कटौती की गई है और 22 सितंबर से दवा दुकानदारों को उन दवाओं की अलग से प्राइस लिस्ट दुकान के बाहर लगाने या रखने के लिए कहा गया है।
सरकार ने खुदरा दुकानदारों को दवा या अन्य पैक्ड फूड आइटम के स्टाक को क्लीयर करने की मोहलत दी है ताकि उन्हें आइटम पर कीमत बदलने के लिए आइटम को दुकान से वापस न भेजना पड़े, लेकिन उन्हें उन आइटम की बिक्री घटे हुए दाम पर ही करनी होगी। उसमें सरकार ने कोई मोहलत नहीं दी है। दुकानदार ऐसा नहीं करता है तो ग्राहक इसकी शिकायत उपभोक्ता मंत्रालय की वेबसाइट पर कर सकते हैं।कई आटोमोबाइल कंपनियों ने दाम पहले से ही कम कर दिए हैं।
सरकार का मानना है कि जीएसटी की दरों में कटौती से कई इलेक्ट्रानिक्स वस्तुओं की कीमतों में 10 प्रतिशत तक, तो कार व स्कूटर-बाइक के दामों में 12-15 प्रतिशत तक की कमी आएगी। आशंका है कि पैक्ड फूड आइटम बेचने वाले दुकानदार ग्राहकों को इसका फायदा देने से हिचकेंगे। अभी पैक्ड फूड आइटम पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगता है जो अब पांच प्रतिशत हो जाएगा। अभी इस सात प्रतिशत जीएसटी कटौता का लाभ उन्हें कीमत कम करके ही देना पड़ेगा। बाद में नए पैक में कंपनियां मात्रा बढ़ाकर इसकी भरपाई कर सकती हैं।
महंगाई में भी आएगी कमी
जीएसटी में कटौती से 400 से अधिक वस्तुएं सस्ती होंगी, जिनमें लगभग 300 वस्तुएं रोजमर्रा से जुड़ी हैं। इन वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर तय करने में अहम भूमिका है। आर्थिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस कटौती से चालू वित्त वर्ष 2025-26 में खुदरा महंगाई दर में 25-30 आधार अंक कमी लाने में मदद मिलेगी। अगले वित्त वर्ष 2026-27 में जीएसटी में इस कटौती से खुदरा महंगाई दर में 40 आधार अंक तक की कमी लाई जा सकेगी।
2017 में सभी वस्तुओं की औसत जीएसटी दर 14.4 प्रतिशत थी। 2019 में कई वस्तुओं की जीएसटी दर कम करने से औसत दर 11.6 प्रतिशत हो गई।2025 में 22 सितंबर से औसत जीएसटी दर घटकर 9.5 प्रतिशत हो जाएगी।
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