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    छोटे से कपड़ा कारोबारी के जीएसटी नंबर से हो गई 113.65 करोड़ की ब‍िलिंग, सीए समेत तीन पर मुकदमा

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Mon, 13 Oct 2025 07:41 PM (IST)

    गाजीपुर के एक कपड़े व्यापारी अजीत कुमार के जीएसटी नंबर से 113.65 करोड़ रुपये की फर्जी बिलिंग का मामला सामने आया है। पीड़ित ने चार्टर्ड अकाउंटेंट गौरव गुप्ता समेत तीन लोगों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अजीत ने लोन के लिए जीएसटी नंबर लिया था, लेकिन उसके दस्तावेजों का दुरुपयोग किया गया।

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    जागरण संवाददाता, गाजीपुर। शहर कोतवाली के हाथीखाना निवासी अजीत कुमार, जो आदर्श गांव में कपड़े की दुकान चलाते हैं, उनके जीएसटी नंबर से 113.65 करोड़ रुपये का आउटवर्ड सप्लाई होने का मामला सामने आया है। चार माह पूर्व पीड़ित ने कोतवाली पुलिस को सूचित किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर वह न्यायालय के शरण में गए। अब कोर्ट के आदेश पर कोतवाली पुलिस चार्टर आकाउंटेंट गौरव गुप्ता समेत तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है।

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    पीड़ित ने बताया कि उसने व्यवसाय बढ़ाने के लिए बैंक से लोन लेने के लिए अपने जीएसटी और अन्य दस्तावेज अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट गौरव गुप्ता को दिए थे। उन्होंने जीएसटी का रजिस्ट्रेशन कराया हुआ था। जीएसटी से संबंधित सभी कार्य गौरव गुप्ता के पास ही रहता था। अजीत ने यह जीएसटी नंबर इसलिए लिया था ताकि वह अपने व्यवसाय के बढ़ाने के लिए बैंक से ऋण ले सके। यह बात उसने गौरव गुप्ता से बताई थी। तब उसने करंडा के मैंनपुर गांव के रहने वाले चंदन सिंह से संपर्क कराया।

    चंदन ने अपने परिचित बैंक मैनेजर विनोद जो लैंडिंग कार्ड वाराणसी में तैनात था इससे बात कराया। इन दोनों ने 2024 में लोन दिलाने के लिए सारे पेपर और फिर 11600 पूरी कागजात के भी लिए लिया। बताया कि ऋण बहुत जल्द ही मंजूर हो जाएगा। वही कागजात के सत्यापन के लिए जीएसटी का यूजर आईडी और जीएसटी पासवर्ड भी मांगा।

    जिसे अजीत ने अपने चार्टर अकाउंटेंट से बात करा कर उन्हें 18 नवंबर 2024 को उपलब्ध करा दिया था। काफी दिन भी जाने के बाद भी उसका ऋण मंजूर नहीं हुआ। 16 अप्रैल को गौरव गुप्ता ने फोन कर बताया कि उसके जीएसटी से काफी बड़ी बिलिंग हुई है। उसके कुछ दिन बाद 23 मई को राज्य कर विभाग जीएसटी के अधिकारी भी अजीत के पास जांच करने के लिए पहुंच गए।

    उन अधिकारियों ने अजीत का मकान और घर भी देखा। बताया कि तुम्हारे जीएसटी नंबर से 113.65 करोड़ का आउटवार्ड सप्लाई जीएसटी आर वन में प्रांत बाहर की फर्मों को किया गया है। जबकि अजीत के द्वारा इतने बड़े धनराशि का कोई भी व्यापार नहीं किया था। तब अधिकारियों ने पूरी जांच करने के बाद अजीत और अन्य गवाहों का बयान भी दर्ज किया।

    अधिकारियों से ही अजीत को जानकारी हुई कि उसके यूजर का आईडी और पासवर्ड का ईमेल बदलकर साथ ही मोबाइल नंबर भी बदलकर पूरी लेनदेन की प्रक्रिया की गई है। मई 2025 में रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से पुलिस अधीक्षक और साइबर सेल को अपनी शिकायत भेजी।

    कोई कार्रवाई नहीं होने पर न्यायालय का शरण लिया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के निर्देश पर कोतवाली पुलिस को तीनों आरोपित चंदन सिंह, गौरव गुप्ता और बैंक प्रबंधक विनोद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।