GST कटौती की घोषणा के बावजूद ऑटो सेक्टर में छाई निराशा, त्योहारों में फीकी बिक्री की आशंका
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती की घोषणा के बाद भी ऑटोमोबाइल सेक्टर में त्योहारी सीजन की रौनक फीकी दिख रही है। जीएसटी दर घटने की उम्मीद में ग्राहकों ने कारों की बुकिंग कम कर दी है। सियाम और फाडा ने सरकार से जीएसटी कटौती पर जल्द फैसला लेने का आग्रह किया है ताकि त्योहारी सीजन में बिक्री को बढ़ावा मिल सके।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार की तरफ से वस्तु एवं सेवा कर (GST) में कटौती करने की घोषणा को कर दी गई है, लेकिन इस घोषणा से ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए त्योहारी सीजन की रौनक फीका जाता दिख रहा है।
दरअसल, आम कार ग्राहकों ने जीएसटी दर घटने से कार की खुदरा कीमतों में कटौती की आस से कारों की बुकिंग करवानी बंद कर दी है। इस हफ्ते देश के दक्षिण हिस्से में ओणम और महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी मनाई जा रही है और आम साल में इन त्योहारों में खूब कारों की बिक्री होती है, लेकिन कार कंपनियों का कहना है कि पिछले वर्ष के मुकाबले 80 फीसद तक बुकिंग कम है।
कार कंपनियों ने सरकार को लिखा पत्र
ऐसे में कार कंपनियों के संगठन सियाम और कार डीलरों के एसोसिएशन (फाडा) ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है कि जीएसटी कटौती पर जल्द से जल्द ना सिर्फ फैसला हो बल्कि उसे लागू करने की व्यवस्था हो नहीं तो त्योहारी सत्योहारी सीजन बहुत ही बेरंग रहेगा।
पीएम नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को जीएसटी की दरों में कटौती का ऐलान किया था। उसके बाद वित्त मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि आगामी जीएसटी परिषद की बैठक (3-4 सितंबर) में पूरे देश में सामान्य तौर पर जीएसटी की दो दरें (पांच फीसद और 18 फीसद) कर दिया जाएगा।
कार की कीमतों में आएगी कमी
यह बताया गया है कि छोटी कारों और दोपहिया वाहनों पर जीएसटी टैक्स दर को मौजूदा 28 फीसद से घटाकर 18 फीसद किया जाएगा। इस प्रस्तावित बदलाव से कारों की कीमतों में 6-8 फीसद तक की कमी आने की उम्मीद है, जिसका सीधा फायदा उपभोक्ताओं को मिल सकता है।
साथ ही कार बीमा की दर को भी 28 फीसद से घटा कर 18 फीसद किये जाने की संभावना है। इसका फायदा भी कार ग्राहकों को होगा। कारों की कीमतों में कितने रुपये की गिरावट होगी यह तो सरकार की घोषणा के बाद पता चलेगा लेकिन एक अनुमान है कि चार मीटर की श्रेणी और 1200 सीसी से नीचे इंजन क्षमता वाली कारों की कीमतों में कम से कम 50 हजार रुपये की कमी आएगी।
कितनी आएगी कमी?
उदाहरण के तौर पर मारुति सुजुकी स्विफ्ट, ऑल्टो, ह्युंडई की आई-10 पर शुल्क का बोझ 28 फीसद से घट कर 18 फीसद हो जाए तो और कुछ राहत ऑटो बीमा शुल्क में भी मिल जाए तो इनकी खुदरा कीमत में 10 फीसद तक की कमी संभव है।
6 लाख रुपये की कार की कीमत करीब 50-60 हजार रुपये तक कम हो सकती है।भारत में त्योहारी सीजन खासकर दीवाली, ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। साल की कुल कारों की बिक्री का 35-40 फीसद इन्हीं दिनों होती है।
डीलरों का कहना है कि इस अनिश्चितता के कारण वे केवल उच्च मांग वाले मॉडल्स का सीमित स्टॉक रख रहे हैं, क्योंकि जीएसटी कटौती लागू होने पर पुराना स्टॉक महंगा पड़ सकता है। इससे डीलरों की वर्किंग कैपिटल और ब्याज लागत भी बढ़ रही है।
कैसे मिलेगी बिक्री को गति?
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने सरकार से इस मामले में स्पष्टता की मांग की है ताकि बिक्री को गति मिल सके। पिछले हफ्ते सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स(सियाम) ने भी राजस्व सचिव को इस बारे में पत्र लिखा है।
इसमें जीएसटी की दरों पर शीघ्र फैसला करने के साथ ही यह आग्रह किया गया है कि अभी कारों का टैक्स लगाने के लिए जिस तरह से वर्गीकरण किया गया है उसी को बरकरार रखनी चाहिए।
Income Tax New Rules: एक अप्रैल से TDS का बदलेगा फॉर्म, इनकम टैक्स से जुड़े कानून में भी बदलाव
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।