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    गति शक्ति के लिए सचिवों के समूह का गठन, व्यवस्था की होगी मानिटरिंग

    By Monika MinalEdited By:
    Updated: Tue, 02 Nov 2021 05:07 AM (IST)

    पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के विकास और क्रियान्वयन की व्यवस्था की मानिटरिंग के लिए सचिवों के समूह का गठन किया गया है। समूह की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव करेंगे। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बहु-स्तरीय संपर्क व्यवस्था के लिए पिछले महीने इस प्लान को मंजूरी दी थी।

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    गति शक्ति के लिए सचिवों के समूह का गठन

     नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकार ने पीएम गति शक्ति योजना के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों के अधिकार प्राप्त समूह का गठन कर दिया है। ग्रुप के सदस्यों में सड़क, शिपिंग, नागरिक विमानन, दूरसंचार, कोयला, खदान, कृषि और व्यय समेत प्रमुख मंत्रालयों के सचिव शामिल हैं। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन भी इसके सदस्य हैं। यह ग्रुप पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के विकास और क्रियान्वयन की व्यवस्था पर नजर रखेगा।

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    वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि पायलट आधार पर बुनियादी ढांचे के विकास को लेकर यह 20 सदस्यीय ग्रुप क्षेत्र-आधारित दृष्किोण के तहत विभिन्न गतिविधियों में तालमेल को लेकर प्रक्रिया और समयसीमा निर्धारित करेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बहु-स्तरीय संपर्क व्यवस्था के लिए पिछले महीने प्रधानमंत्री गति शक्ति मास्टर प्लान को मंजूरी दी थी।

    ग्रुप के लिए निर्धारित अन्य नियम एवं शर्तों में लाजिस्टिक दक्षता का पता लगाने के लिए योजना क्रियान्वयन की समीक्षा और निगरानी शामिल है। साथ ही यह ग्रुप योजना में किसी तरह के संशोधन को लेकर रूपरेखा और नियमों में बदलाव को लेकर समन्वय भी स्थापित करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाजिस्टिक लागत में कमी लाने तथा इन्फ्रा विकास के लिए 13 अक्टूबर को 100 लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की।

    योजना का अनावरण करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि गति शक्ति के इस महाअभियान के केंद्र में भारत के लोग, भारत के उद्योग, भारत के व्यापार जगत, भारत के किसान, भारत के उत्पादक और भारत के गांव हैं। उन्होंने कहा कि भारत में बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं की व्यापक योजना में अनेक कमियां दिखती हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे, सड़क परिवहन, टेलीकाम जैसेजैसे तमाम विभाग अलग-अलग योजना बना रहे होते हैं। अलग-अलग विभागों को पता नहीं होता है कि कौन सा विभाग कौन सी परियोजना को कहां शुरू करने की तैयारी कर रहा है। राज्यों को भी इसकी जानकारी नहीं होती है। इस कारण निर्णय प्रक्रिया प्रभावित होती है और बजट की भी बर्बादी होती है। इन सारी दिक्कतों का हल पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान से निकलेगा। इस मास्टर प्लान को आधार बनाकर चलेंगे तो संसाधनों का आदर्श इस्तेमाल कर सकेंगे।