'बुलडोजर कार्रवाई पर दिए फैसले से बड़ी संतुष्टि मिली', जानें देश के सीजेआई ने क्यों कही ये बात?
चीफ जस्टिस बीआर गवई ने कहा है कि बुलडोजर कार्रवाई पर दिए फैसले से उन्हें बहुत संतुष्टि मिली क्योंकि यह मानवीय समस्याओं से जुड़ा हुआ था। इसके साथ ही जस्टिस गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने 13 नवंबर 2024 को बुलडोजर न्याय की तुलना एक अराजक स्थिति से की थी और देशभर के लिए दिशा-निर्देश तय किए थे।

पीटीआई, नई दिल्ली। चीफ जस्टिस बीआर गवई ने कहा है कि बुलडोजर कार्रवाई पर दिए फैसले से उन्हें बहुत संतुष्टि मिली, क्योंकि यह मानवीय समस्याओं से जुड़ा हुआ था। जस्टिस गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने 13 नवंबर 2024 को बुलडोजर न्याय की तुलना एक अराजक स्थिति से की थी और देशभर के लिए दिशा-निर्देश तय किए थे।
एक कार्यक्रम में सीजेआइ गवई ने कहा कि उन्हें जस्टिस विश्वनाथन के साथ करीब छह माह तक पीठ साझा करने का अवसर मिला। इस दौरान पीठ ने अभियुक्तों या दोषियों की संपत्तियों को मनमाने ढंग से ध्वस्त करने की कार्यपालिका की प्रवृत्ति के खिलाफ कई निर्देश पारित किए।
उन्होंने कहा-'मुझे लगता है कि बुलडोजर से जुड़ा निर्णय उन फैसलों में से एक है जिसने हम दोनों को अत्यधिक संतुष्टि दी। इसके मूल में मानवीय समस्याएं थीं। परिवारों को केवल इसलिए परेशान किया जा रहा था कि उनके सदस्य अपराधी या आरोपित हैं।'
सीजेआइ ने यह भी कहा कि इस फैसले का श्रेय उन्हें ही नहीं, बल्कि जस्टिस विश्वनाथन को भी जाता है। उन्होंने कहा कि सीजेआइ के कार्यकाल का न्याय प्रशासन पर कोई असर नहीं पड़ता।
सीजेआई ने कहा-'मुझे नहीं लगता कि प्रधान न्यायाधीश के कार्यकाल का न्याय प्रशासन की दक्षता से कोई सीधा संबंध है। हमारे पास ढाई महीने तक जस्टिस ललित और जस्टिस संजीव खन्ना जैसे सर्वश्रेष्ठ प्रधान न्यायाधीश रहे हैं, जिन्होंने अपनी छाप छोड़ी है तथा वे न्याय प्रदान करने और न्याय प्रशासन में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं।'
सीजेआइ ने कहा- 'मैंने न्याय प्रशासन की बेहतरी और देशभर में न्यायिक बुनियादी ढांचे में सुधार लाने हर पल प्रयास किया है। ' साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर रहे युवा वकीलों को अच्छा प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया गया है।
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