विराट व्यक्तित्व नरेन्द्र मोदी: ‘सेवा प्रथम’ भाव से ओतप्रोत नेतृत्व
नरेन्द्र मोदी के जीवन की कहानी संघर्ष और समर्पण की एक प्रेरणादायक गाथा है। वह एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने अपने असाधारण नेतृत्व और विराट व्यक्तित्व से भारत को एक नई दिशा प्रदान की है। उनकी नेतृत्व क्षमता दूरदर्शिता और जनसमर्थन ने उन्हें एक प्रभावशाली नेता बनाया है। वह एक मजबूत नेता हैं जो अपने निर्णयों पर अडिग रहते हैं ।

शिवप्रकाश। अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय और पड़ोसी देशों के साथ तनावों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के असाधारण नेतृत्व में भारत की विकास गाथा देख पूरी दुनिया के रणनीतिकार न केवल आश्चर्यचकित हैं बल्कि आशावान भी हैं कि भविष्य में वैश्विक संकटों का समाधान भी भारत भूमि से ही प्रकट होगा। शांति काल, युद्ध काल या आपदा काल में समभाव बनाए रखते हुए अब तक प्रधानमंत्री मोदी ने जिस प्रकार सटीक तथा लक्षित रणनीति के साथ समाधान प्रस्तुत किये हैं, उससे वैश्विक स्तर पर उनके प्रति भरोसा और दृढ़ हुआ है।
नरेन्द्र मोदी के जीवन की कहानी संघर्ष और समर्पण की एक प्रेरणादायक गाथा है। वह एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने अपने असाधारण नेतृत्व और विराट व्यक्तित्व से भारत को एक नई दिशा प्रदान की है। उनकी नेतृत्व क्षमता, दूरदर्शिता और जनसमर्थन ने उन्हें एक प्रभावशाली नेता बनाया है। वह एक मजबूत नेता हैं जो अपने निर्णयों पर अडिग रहते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता ने उन्हें भारत और विश्व के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक बनाया है।
प्रधानमंत्री एक दूरदर्शी नेता हैं जो भारत के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं की शुरुआत की है। इनमें स्वच्छ भारत अभियान, डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया आदि हैं जो भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में मदद कर रहे हैं। जनता से मिले व्यापक समर्थन, लोकप्रियता और उनके व्यक्तित्व के अद्भुत प्रभाव ने उन्हें एक दृढ़ निश्चयी नेता बनाया है जो कठोरतम निर्णयों को भी सहज भाव में लागू करने में सक्षम हैं। नरेन्द्र मोदी का विराट व्यक्तित्व उनकी नेतृत्व क्षमता, दूरदर्शिता और जनसमर्थन का परिणाम है। उन्होंने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया है और उन्हें पार किया है, जो उनकी मजबूत इच्छाशक्ति और संकल्प को दर्शाता है।
नरेन्द्र मोदी का आरंभिक जीवन गुजरात के एक छोटे से शहर वडनगर में बीता। पिता दामोदर दास मूलचंद मोदी और माता हीराबेन के परिवार में 17 सितंबर 1950 को उनका जन्म हुआ। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सामान्य थी और पिता चाय की एक दुकान चलाते थे। अपनी स्कूली शिक्षा वडनगर में पूरी करने के बाद में उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। छात्र जीवन से ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गए और अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। उन्होंने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया। इसी मेहनत और संघर्ष ने उन्हें भारत के प्रधानमंत्री पद तक पहुंचाया।
युवावस्था से ही गृहस्थ जीवन को त्याग सामाजिक जीवन में प्रवेश करने वाले नरेन्द्र मोदी का पूरा जीवन निस्वार्थ सेवा भाव में ही व्यतीत हुआ है और आज भी विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के शीर्ष पद पर विराजमान होने के बावजूद उनका यह भाव जीवंत है। कई आश्चर्यजनक घटनाओं, झंझावातों और उथल-पुथल से भरे उनके जीवन से विश्व के कई देश और शीर्ष नेतृत्व मार्गदर्शन की आशा रखते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारतीय जनमानस पर प्रभाव बहुत गहरा और व्यापक है। उनकी लोकप्रियता और राजनीतिक कौशल कई मायनों में उन्हें दूसरों से अलग करते हैं। वह एक प्रभावी वक्ता हैं जो अपने शब्दों से लोगों को प्रभावित करते हैं। वह एक कुशल राजनीतिक रणनीतिकार हैं जो अपने विरोधियों को आश्चर्यचकित करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न रणनीतियों का उपयोग करते हैं। जनता के व्यापक समर्थन से प्रधानमंत्री ने भारत में आर्थिक सुधार के लिए कई साहसिक कदम उठाए हैं जिनमें जीएसटी और नोटबंदी प्रमुख है। इन आर्थिक सुधारों ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद की है। जनता में उनके समर्थन और उनके प्रति अनुसरण के भाव को स्वच्छ भारत अभियान और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे अभियानों में देखा जा सकता है जिन पर पूरे देश में उन्हें जनसमर्थन प्राप्त हुआ है।
विश्व में वह एक मजबूत नेता के तौर पर उभरे हैं। राष्ट्र के हितों को सर्वोपरि रखते हुए उन्होंने जिस तरह के अमेरिकी टैरिफ मसले पर रणनीति अपनाई है उसने पूरे विश्व को दिखा दिया है कि भारत राष्ट्र हितों पर किसी के आगे झुकने को तैयार नहीं है। विभिन्न देशों के बीच सामंजस्य बनाने का प्रधानमंत्री के पास एक अनोखा कौशल है। उनकी विदेश नीति और कूटनीतिक प्रयासों ने भारत को वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण भूमिका दिलाई है। ग्लोबल साउथ के देशों के साथ संबंधों को मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और जी- 20 जैसे वैश्विक मंचों पर भारत की आवाज को बुलंद किया है। उन्होंने आर्थिक कूटनीति पर ध्यान केंद्रित किया है, जिससे देश के व्यापार और निवेश में वृद्धि हुई है। सांस्कृतिक कूटनीति का उपयोग करके विभिन्न देशों के साथ संबंधों को मजबूत बनाने का प्रयास किया है। इसके अंतर्गत योग और आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने अमेरिका के टैरिफ से निपटने के लिए कई रणनीतियों पर काम किया।
उम्र के सातवें दशक में होने के बावजूद वह टेक्नोलॉजी के मामले में आज के युवा की बराबरी करते हैं। नवाचारों पर उनका भरोसा है और उसे प्रोत्साहित करते हैं। यही वजह है कि एक दशक के उनके कार्यकाल में भारत विश्व में सबसे अधिक स्टार्ट अप्स वाला देश बन गया है। संभवतः वह विश्व के एकमात्र नेता हैं जो सीधे जनता से संवाद करने में विश्वास रखते हैं। आकाशवाणी पर उनके मासिक कार्यक्रम 'मन की बात' और विद्यार्थियों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा' इसका सफल उदाहरण हैं। इन दोनों कार्यक्रमों का जनमानस पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। उन्होंने नीतिगत निर्णय करते हुए कई नवाचारों की शुरुआत की है, जिनमें युग्म (वाईयूजीएम) सम्मेलन, ज्ञान भारतम् मिशन, कर्तव्य भवन, इंस्पायर मानक योजना जैसी पहल शामिल हैं।
गोस्वामी तुलसीदास जी रामचरित मानस में राजा जनक के चरित्र का वर्णन करते हुए कहते हैं "अतुलित धन्य्य सिय राम के जाई। राजसभा बिनु सवद सुहाई। अर्थात राजा जनक राजा होते हुए भी एक संन्यासी की तरह जीवन जीते थे, और सांसारिक सुख-सुविधाओं की बजाय ज्ञान और वैराग्य को महत्व देते थे। प्रधानमंत्री श्री मोदी इसी संन्यस्त भाव के जीते जागते उदाहरण हैं। उनके इसी भाव ने भारतीयों में आशा और विश्वास की भावना जगाई है। जनता में विश्वास है कि उनके नेतृत्व में भारत एक उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रहा है। उनके नेतृत्व में राष्ट्रवाद की भावना बढ़ी है। गुजरात का मुख्यमंत्री होने के समय से ही वह एक अनुशासित और सरल जीवन जीने के लिए जाने जाते हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी नरेन्द्र मोदी का जीवन अनुशासित और सरल रहा है। वह नियमित रूप से योग और ध्यान करते हैं और एक स्वस्थ जीवनशैली को अपनाते हैं। वह आध्यात्मिकता में विश्वास करते हैं। वह नवरात्र में व्रत रखते और और मंदिरों में पूजा अर्चना करते हैं। वह स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी जैसे महापुरुषों से प्रेरणा लेते हैं। उनका संन्यासी भाव उनके जीवन और कार्य में देखा जा सकता है। उनके जीवन में सादगी और निष्ठा सर्वोपरि है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संस्कृति के पुजारी के रूप में जाने जाते हैं। वह भारतीय संस्कृति की समृद्धि और विविधता को बढ़ावा देने के लिए काम करते हैं। वह अक्सर अपने भाषणों में भारतीय संस्कृति की महानता का उल्लेख करते हैं। पारंपरिक त्योहारों का सम्मान करते हैं और उन्हें मनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित भी करते हैं। वह कला भी को बढ़ावा देते हैं और कलाकारों और संस्कृति-कर्मियों को प्रोत्साहित करते हैं। नरेन्द्र मोदी की वेशभूषा बहुत ही अनोखी और विशिष्ट है। वह अपनी वेशभूषा में पारंपरिक भारतीय मूल्यों और आधुनिकता का मिश्रण करते हैं। वह अक्सर पारंपरिक भारतीय वेशभूषा कुर्ता और पजामा या धोती में होते हैं। वह गुजराती संस्कृति की विशिष्ट वेशभूषा को भी अपनाते हैं। उन्हें अक्सर विभिन्न सार्वजनिक आयोजनों में पारंपरिक वाद्य यंत्रों को बजाते हुए देखा गया है। इन कुछ वाद्य यंत्रों में असम का सारिंदा, महाराष्ट्र में बंजारा संस्कृति से जुड़ा ढोल जैसा वाद्य यंत्र नांगरा, आदिवासी कलाकारों के साथ पारंपरिक वाद्य यंत्र और उत्तराखंड का एक पारंपरिक वाद्य यंत्र शामिल है। नवंबर 2022 में जी- 20 शिखर सम्मेलन के लिए बाली यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री ने एक पारंपरिक बाली वाद्य यंत्र भी बजाया था। उन्होंने भारतीय संगीत और वाद्य यंत्रों के निर्यात को भी बढ़ावा दिया है।
नरेन्द्र मोदी एक लेखक और कवि के रूप में भी जाने जाते हैं। उन्होंने कई पुस्तकें और कविताएं लिखी हैं जो उनके विचारों और अनुभवों को दर्शाती हैं। "ज्योति पथ": यह एक कविता संग्रह है जिसमें उनकी कविताएं शामिल हैं। "सेट ऑफ एक्जाम वारियर्स" एक पुस्तक है जिसमें उन्होंने छात्रों को परीक्षा के तनाव से निपटने के लिए प्रेरित किया है। उनकी कविताएं उनके विचारों और भावनाओं को दर्शाती हैं। उनकी कविताएं अक्सर देशभक्ति, सामाजिक मुद्दों और व्यक्तिगत अनुभवों पर केंद्रित होती हैं। एक राजनेता के यही सब गुण उसे अपने समकालीनों में श्रेष्ठता के स्तर तक ले जाते हैं और प्रधानमंत्री मोदी ऐसे ही एक राजनेता हैं।
(लेखक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री हैं)
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