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    10 मिनट के अंदर देनी होगी GPS स्पूफिंग की सूचना, DGCA ने दिए निर्देश; क्या है वजह?

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 11:30 PM (IST)

    विमानन नियामक डीजीसीए ने जीपीएस स्पूफिंग की घटनाओं पर सख्त रुख अपनाया है। एयरलाइनों, पायलटों और हवाई यातायात नियंत्रकों को घटना के 10 मिनट के भीतर सूचना देने का निर्देश दिया गया है। यह फैसला दिल्ली हवाईअड्डे पर जीपीएस स्पूफिंग की घटनाओं के बाद लिया गया है। डीजीसीए ने रियल टाइम रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए प्रणाली स्थापित करने का निर्णय लिया है।

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    जीपीएस स्पूफिंग घटनाओं के मद्देनजर डीजीसीए ने यह निर्देश दिया है (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विमानन नियामक डीजीसीए ने एयरलाइनों, पायलटों और हवाई यातायात नियंत्रकों से कहा है कि वे जीपीएस स्पूफिंग की घटनाओं की सूचना घटना के 10 मिनट के भीतर दें। कुछ दिनों पहले राष्ट्रीय राजधानी के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (आईजीआईए) और उसके आसपास जीपीएस स्पूफिंग घटनाओं के मद्देनजर डीजीसीए ने यह निर्देश दिया है।

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    गौरतलब है कि आईजीआई एयरपोर्ट पर हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) प्रणाली में तकनीकी खराबी के कारण हजार से ज्यादा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें प्रभावित हुई थीं। इसी के मद्देनजर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने जीपीएस स्पूफिंग की रियल टाइम रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए प्रणाली स्थापित करने का निर्णय लिया है।

    10 मिनट के भीतर रियल टाइम रिपोर्टिंग करनी होगी

    ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस)/ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) स्पू¨फग एक तरह का साइबर अटैक होता है। इसमें फर्जी सिग्नल के जरिये नेविगेशन सिस्टम को कमजोर कर दिया जाता है। नियामक ने 10 नवंबर को जारी सर्कुलर में कहा, किसी भी पायलट, एटीसी नियंत्रक या तकनीकी यूनिट को असामान्य जीपीएस व्यवहार का पता चलने पर घटना के 10 मिनट के भीतर रियल टाइम रिपोर्टिंग करनी होगी।

    प्रारंभिक रिपोर्ट में अनिवार्य रूप से स्पूफिंग की तारीख और समय, विमान का प्रकार और पंजीकरण, एयरलाइन का नाम, उड़ान मार्ग और घटना या प्रभावित क्षेत्र जैसे विवरण शामिल होने चाहिए। एयरलाइन आपरेटर, पायलट और एयर ट्रैफिक सर्विसेस (एटीएस) यूनिट अतिरिक्त सहायक विवरण शामिल कर सकती हैं।

    सर्कुलर में दिए गए निर्देशों का पालन करने का निर्देश

    दिल्ली हवाईअड्डे और उसके आसपास संचालित होने वाले सभी विमानन आरपेटरों, उड़ान चालक दल और वायु यातायात नियंत्रण (एटीसी) और संचार, नेविगेशन, निगरानी (सीएनएस) यूनिट समेत भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) को सर्कुलर में दिए गए निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है।

    सर्कुलर में कहा गया है, आईजीआई एयरपोर्ट नई दिल्ली और उसके आसपास जीपीएस स्पूफिंग की हाल की घटनाओं को देखते हुए जरूरी है कि सभी विमानन हितधारक उड़ान सुरक्षा के लिए ऐसी घटनाओं का शीघ्र पता लगाना और वास्तविक समय रिपोर्टिंग (घटना के 10 मिनट के भीतर) सुनिश्चित करें। डीजीसीए दिल्ली हवाईअड्डे पर जीपीएस स्पूफिंग की घटनाओं की जांच कर रहा है और स्थिति को बेहतर ढंग से समझने के लिए ऐसी घटनाओं का विवरण भी जुटा रहा है।

    भारत में नवंबर 2023 और फरवरी 2025 के बीच सीमावर्ती क्षेत्र में, ज्यादातर अमृतसर और जम्मू क्षेत्रों में, 465 जीपीएस में हेरफेर और स्पूफिंग की घटनाएं दर्ज की गईं। कई एयरलाइनों ने रिपोर्ट दी थी कि अमृतसर और उसके आसपास उड़ान भरने वाले विमानों में जीपीएस में गड़बड़ी का अनुभव हुआ है।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)