Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सरकार ने कैंसर, डायबिटीज और टीबी समेत 39 दवाओं की कीमत घटाई, कोविड के उपचार में भी होगी सहूलियत

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Sun, 05 Sep 2021 01:14 AM (IST)

    आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलइएम) में संशोधन करते हुए केंद्र सरकार ने आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली 39 दवाओं की कीमतें कम कर दी हैं। इनमें वे ...और पढ़ें

    Hero Image
    केंद्र सरकार ने आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली 39 दवाओं की कीमतें कम कर दी हैं।

    नई दिल्ली, आइएएनएस। आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलइएम) में संशोधन करते हुए केंद्र सरकार ने आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली 39 दवाओं की कीमतें कम कर दी हैं। जिन दवाओं की कीमतों में कटौती की गई है उनमें कैंसर-रोधी, डायबिटीज-रोधी, एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल, एंटीरेट्रोवायरल, टीबी-रोधी दवाओं के अलावा दूसरी दवाएं भी शामिल हैं, जिनका कोविड के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    16 आड दवाओं को सूची से हटाया

    एनएलइएम सूची पर काम कर रहे विशेषज्ञों ने 16 आड दवाओं को सूची से हटा दिया है। इंडियन मेडिकल रिसर्च काउंसिल (आइसीएमआर) दवाओं की कीमत पर नियंत्रण करने के लिए लंबे समय से काम कर रही है।

    इन दवाओं को मूल्य कैप के तहत लाया गया

    आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं, जिन्हें मूल्य कैप के तहत लाया गया है, उनमें शुगर रोधी दवा टेनेलिगलिप्टिन, लोकप्रिय टीबी-रोधी दवाएं, कोविड के उपचार में उपयोग की जाने वाली आइवरमेक्टिन, रोटावायरस वैक्सीन एवं अन्य शामिल हैं।

    स्थायी राष्ट्रीय समिति को सौंपा गया था सूची बनाने का काम

    सरकार ने आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची में संशोधन के लिए कार्य शुरू किया था जिसे 2015 में अधिसूचित किया गया और 2016 में लागू किया गया। दवाओं पर स्थायी राष्ट्रीय समिति को यह सूची तैयार करने का काम सौंपा गया था कि कौन सी दवाएं पर्याप्त संख्या में और सुनिश्चित मात्रा में उपलब्ध होनी चाहिए।

    ऐसे होता है दवाओं को मूल्य कैप का निर्धारण

    स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव और आइसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव की अध्यक्षता वाली समिति, नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों, स्वास्थ्य सचिव और फार्मास्युटिकल विभाग के सचिव वाली दूसरी समिति को सूची भेजती है। दूसरी समिति यह तय करती है कि किन दवाओं को मूल्य कैप के अंतर्गत रखा जाएगा।