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80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देगी सरकार, 26,000 करोड़ का राहत पैकेज जारी, जानें क्‍या हैं योजनाएं

कोरोना संकट की मार झेल रहे गरीब और मजदूर वर्ग लोगों के लिए सरकार ने बड़ी घोषणा की है। भारत सरकार मई और जून 2021 के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PM Garib Kalyan Ann Yojana) के तहत मुफ्त खाद्यान्न उपलब्‍ध कराएगी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 03:19 PM (IST)Updated: Sat, 24 Apr 2021 12:24 AM (IST)
80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देगी सरकार, 26,000 करोड़ का राहत पैकेज जारी, जानें क्‍या हैं योजनाएं
कोरोना संकट की मार झेल रहे गरीब और मजदूर वर्ग लोगों के लिए सरकार ने बड़ी घोषणा की है।

नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर से दिहाड़ी मजदूरों व अन्य निम्न वर्गीय श्रमिकों के कामकाज प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए सरकार ने शुक्रवार को 26,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की। इस राशि से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मई व जून में गरीबों को पांच-पांच किलो मुफ्त अनाज वितरित किए जाएंगे। पिछले वर्ष अप्रैल से लेकर नवंबर तक इस योजना के तहत मुफ्त राशन का वितरण किया गया था। 

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80 करोड़ गरीब लोगों को मिलेगी मदद 

फैसले के मुताबिक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत आने वाली लगभग 80 करोड़ गरीब जनता को इसका लाभ मिलेगा। यह अनाज सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत मिलने वाले अनाज के अतिरिक्त होगा। वहीं, विभिन्न राज्यों में लाकडाउन जैसी स्थिति देख वित्त मंत्रालय में अन्य राहत पैकेज पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। इनमें लोन मोरेटोरियम व बिना गारंटी वाले लोन का विस्तार जैसे कदम शामिल हैं। 

मनरेगा के फंड में भी हो सकती है बढ़ोतरी 

सूत्रों के मुताबिक मनरेगा के फंड में भी बढ़ोतरी की जा सकती है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंत्रालय के सभी अधिकारियों के साथ आर्थिक स्थिति को लेकर रोजाना बैठक कर रही हैं। फिलहाल 'इंतजार करो और देखो' की नीति अपनाई गई है। सरकार एमएसएमई को लोन मोरेटोरियम देने के साथ बिना गारंटी वाले लोन का भी विस्तार कर सकती है। 

कोरोना का मौजूदा असर पिछले वर्ष से ज्यादा 

पिछले दो-तीन दिनों में उद्योग संगठनों ने वित्त मंत्री के साथ अपनी बैठक में ऐसे संकेत दिए हैं कि आगामी दो-तीन सप्ताह तक कोरोना संक्रमण की यही हालत रही तो उत्पादन में 25 फीसद तक की कटौती करनी पड़ सकती है। पीएचडी चैंबर के प्रेसिडेंट संजय अग्रवाल ने कहा कि कोरोना का मौजूदा असर पिछले वर्ष से ज्यादा है। दूसरी लहर से अर्थव्यवस्था को लगने वाली चोट का असर घटाने के लिए सरकार को जल्द उचित मदद और सुधार के कदम उठाने चाहिए।

एनपीए होने की समय सीमा में मिल सकती है राहत 

सरकार ने पिछले साल एमएसएमई को पूरी तरह से सरकारी गारंटी वाले तीन लाख करोड़ के लोन वितरित करने की घोषणा की थी। इस वर्ष जून में इस लोन की अवधि समाप्त हो रही है। एमएसएमई की परिचालन पूंजी की किल्लत दूर करने के लिए सरकारी गारंटी वाले लोन का विस्तार किया जा सकता है। सरकार एमएसएमई के लोन एनपीए होने की समय सीमा में भी राहत दे सकती है।

कोरोना से प्रभावित नहीं होगा विनिवेश : वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर सरकार के विनिवेश या किसी अन्य कार्यक्रम में बाधा नहीं बनेगी। संक्रमण की दूसरी लहर को देखते हुए सरकार के विनिवेश व अन्य कार्यक्रम में देरी की आशंका जाहिर होने लगी है। फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में वित्त मंत्री ने कहा कि इस वर्ष बजट में विनिवेश या अन्य कार्यक्रमों को लेकर जो भी घोषणाएं की गई हैं, उन पर काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में शुक्रवार को ही उनकी अपने मंत्रालय के सचिवों के साथ बैठक हुई है। उन्होंने दोहराया कि देशव्यापी लाकडाउन नहीं लगाया जाएगा। कोरोना पर काबू के लिए सरकार की तरफ से चौतरफा प्रयास किए जा रहे हैं।


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