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    Kailash Manasarovar Yatra: कैलास यात्रा के लिए नाथू ला व लिपुलेख ला बनीं अस्थायी इमिग्रेशन चौकियां, गृह मंत्रालय ने दी जानकारी

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Wed, 11 Jun 2025 07:35 AM (IST)

    कैलास मानसरोवर तीर्थयात्रियों के लिए भारत में प्रवेश और निकासी के लिए नाथू ला (सिक्किम) और लिपुलेख ला (गुंजी उत्तराखंड) को अस्थायी रूप से अधिकृत इमिग्रेशन चौकियां नामित किया गया है। यह जानकारी गृह मंत्रालय ने सोमवार को दी। विदेश मंत्रालय हर वर्ष जून से सितंबर के बीच कैलास मानसरोवर यात्रा का आयोजन करता है। जो दो मार्गों (लिपुलेख पास और नाथू ला पास) से होती है।

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    कैलास यात्रा के लिए नाथू ला व लिपुलेख ला बनीं अस्थायी आव्रजन चौकियां (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। कैलास मानसरोवर तीर्थयात्रियों के लिए भारत में प्रवेश और निकासी के लिए नाथू ला (सिक्किम) और लिपुलेख ला (गुंजी, उत्तराखंड) को अस्थायी रूप से अधिकृत इमिग्रेशन चौकियां नामित किया गया है। यह जानकारी गृह मंत्रालय ने सोमवार को दी।

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    विदेश मंत्रालय हर वर्ष जून से सितंबर के बीच कैलास मानसरोवर यात्रा का आयोजन करता है, जो दो मार्गों (लिपुलेख पास और नाथू ला पास) से होती है।

    इस वर्ष की यात्रा कोविड-19 महामारी के बाद पहली बार आयोजित की जा रही है। इसे 2020 में पहले महामारी के कारण और फिर चीन के साथ सैन्य गतिरोध के कारण रोक दिया गया था।

    यह यात्रा अपने धार्मिक मूल्य और सांस्कृतिक महत्व के लिए जानी जाती है और हर वर्ष सैकड़ों लोग इसे करते हैं। कैलास मानसरोवर, जिसे भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है, हिंदुओं साथ-साथ जैन और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए भी धार्मिक महत्व रखता है।