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    'जोधाबाई से नहीं, दासी की बेटी से हुई थी अकबर की शादी', राजस्थान के राज्यपाल का बड़ा दावा

    Updated: Thu, 29 May 2025 02:34 PM (IST)

    उदयपुर में महाराणा प्रताप जयंती पर राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे ने कहा कि भारत का प्रारंभिक इतिहास विदेशियों ने लिखा जिसमें झूठे तथ्य हैं। उन्होंने जोधा-अकबर विवाह को भी झूठा बताया और कहा कि अकबरनामा में अकबर ने अपनी शादी का कोई उल्लेख नहीं किया है। उन्होंने महाराणा प्रताप को अकबर से कम महत्व दिए जाने पर चिंता जताई।

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    जोधा-अकबर की शादी पर राज्यपाल का बड़ा बयान (फोटो- दैनिक जागरण)

    जागरण संवाददाता, उदयपुर। राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे ने बुधवार को उदयपुर स्थित कुम्भा सभागार में महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में इतिहास को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत का प्रारंभिक इतिहास विदेशियों द्वारा लिखा गया, जिसमें कई झूठे तथ्य शामिल हैं। राज्यपाल ने अकबरनामा का हवाला देते हुए कहा कि उसमें अकबर ने अपनी शादी का कोई उल्लेख नहीं किया है।

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    झूठ है जोधा-अकबर की शादी

    राज्यपाल बागडे ने आमेर की राजकुमारी जोधा बाई और अकबर के विवाह को भी झूठा बताया। उन्होंने कहा कि राजा भारमल ने अकबर का विवाह एक दासी की बेटी से कराया था, न कि राजकुमारी से। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह जानकारी उन्होंने सुनी है, स्वयं पढ़ी नहीं है।

    जोधा-अकबर विवाह का जिक्र नहीं

    कार्यक्रम में उन्होंने यह भी कहा कि अकबर के आत्मचरित में न तो जोधा से विवाह का उल्लेख है और न ही महाराणा प्रताप द्वारा अकबर को संधि-पत्र लिखने का कोई प्रमाण है। उन्होंने इतिहास की किताबों में अकबर की तुलना में महाराणा प्रताप को कम महत्व दिए जाने पर चिंता व्यक्त की।

    महाराणा प्रताप ने कभी आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से अब इतिहास को संतुलित रूप से प्रस्तुत करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि नई पीढ़ी अपने गौरवशाली अतीत से परिचित हो सके।

    ...तो कुछ और होती भारत की तस्वीर

    प्रताप गौरव केंद्र में राज्यपाल ने महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़ी जानकारी भी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि यदि महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी समकालीन होते, तो भारत की तस्वीर ही कुछ और होती।

    इसके अलावा राज्यपाल ने भारत-पाक सीमा पर बसे ग्रामीणों की देशभक्ति की सराहना करते हुए उन्हें असली भारत का प्रतीक बताया।