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    राज्यपालों की लाटसाहेबी पर लगेगी लगाम

    By Gunateet OjhaEdited By:
    Updated: Sun, 12 Apr 2015 07:10 PM (IST)

    केंद्र सरकार ने राज्यपालों की लाटसाहेबी पर लगाम लगाते हुए कहा उन्हें अपने संबंधित राज्यों में साल में कम से कम 292 दिन रहना चाहिए और राष्ट्रपति की मंजूरी के बगैर राज्य से बाहर नहीं जाना चाहिए।

    नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राज्यपालों की लाटसाहेबी पर लगाम लगाते हुए कहा उन्हें अपने संबंधित राज्यों में साल में कम से कम 292 दिन रहना चाहिए और राष्ट्रपति की मंजूरी के बगैर राज्य से बाहर नहीं जाना चाहिए।

    नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार की ओर से यह निर्देश इस बात के संज्ञान में आने के बाद जारी किया गया है कि कुछ राज्यपाल काफी समय अपने संबंधित राज्यों से बाहर रहते हैं। गृह मंत्रालय की ओर से अधिसूचित 18 बिंदुओं के नए नियमों में कहा गया है कि 'कोई भी यात्रा राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति प्राप्त किए बिना अथवा आकस्मिक या अभूतपूर्व परिस्थितियों में बिना राष्ट्रपति सचिवालय को पूर्व में सूचित किए बिना नहीं की जानी चाहिए।

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    अंतिम क्षणों में यात्रा की योजना की स्थिति में राज्यपालों को उसके कारण बताने होंगे।' राज्य से बाहर यात्रा करने के संबंध में राष्ट्रपति भवन को आग्रह यात्रा की तिथि से एक से छह सप्ताह पहले की अवधि में किसी समय भेजना होगा और यह इस बात पर निर्भर करेगा कि यात्रा आधिकारिक या निजी है और उन्हें भारत के भीतर या विदेश जाना है।

    राज्यपालों को अपने आग्रहों को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को निर्दिष्ट करना होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि निजी यात्रा को आधिकारिक रूप में नहीं दर्शाया जाए, राजभवनों को प्रत्येक आधिकारिक यात्रा (घरेलू या विदेश) का ब्योरा राष्ट्रपति को भेजना होगा और इसमें किसी तरह के बदलाव के बारे में राष्ट्रपति भवन को सूचित करना होगा।

    अधिसूचना में कहा गया है-- 'राज्यपालों के लिए ऐसी यात्रा की अवधि को कैलेंडर वषर्ष के 20 प्रतिशत दिनों से अधिक नहीं होनी चाहिए।' विदेश यात्रा के मामलों में राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए संदेश राष्ट्रपति सचिवालय को एडवांस में छह सप्ताह पहले प्राप्त हो जानी चाहिए। सूत्रों ने कहा कि राज्यपालों द्वारा सुविधाओं के दुरपयोग के कई मामले सामने आने के बाद नया नियम अधिसूचित किया गया।

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