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    'रोशनी' के जरिये गांवों में टीके का उजाला फैलाएगी सरकार, वैक्सीन लगवाने से हिचक रहे लोगों को समझाएंगे धर्मगुरु

    By Nitin AroraEdited By:
    Updated: Sat, 12 Jun 2021 08:51 PM (IST)

    रोशनी के जरिये गांवों में टीके का उजाला फैलाएगी सरकार। दूर दराज के इलाकों में लोगों को समझाने के लिए धर्मगुरुओं की भी ली जाएगी मदद। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना रोधी वैक्सीन लगवाने से हिचक रहे हैं लोग। ----------------------

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    'रोशनी' के जरिये गांवों में टीके का उजाला फैलाएगी सरकार, वैक्सीन लगवाने से हिचक रहे लोगों को समझाएंगे धर्मगुरु

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। इस महीने की 21 तारीख से शुरू हो रहे टीकाकरण के चौथे चरण के लिए जहां वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर केंद्र का जोर है, वहीं दूर दराज के इलाकों में टीके को लेकर व्याप्त हिचक को भी दूर करने का प्रयास है। इसके लिए केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर जागरूकता अभियान तेज करेगी। केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय के स्वयं सहायता समूह 'रोशनी' की भागीदारी और बढ़ाई जाएगी वहीं, वहीं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से संचालित लगभग ढ़ाई करोड़ समूहों को भी जागरूकता अभियान से जोड़ा जाएगा। इस अभियान में धर्मगुरुओं को भी जोड़ा जा सकता है।

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    शहरी क्षेत्रों में तो बड़ी संख्या में लोग वैक्सीन ले रहे हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अभी टीके को लेकर लोगों में हिचक बनी हुई है। केंद्र सरकार चाहती है कि चौथे चरण के टीकाकरण कार्यक्रम में कहीं भी कमजोर कड़ी न छूटे। 21 जून से केंद्र की मदद से सभी को मुफ्त वैक्सीन लगाई जाएगी, जिसका क्रियान्वयन राज्यों को करना है। एक परेशानी यह है कि कई राज्यों में वैक्सीन की बर्बादी बड़ी मात्रा में होती रही है। इसे रोकने के लिए भी जरूरी है कि इन इलाकों में ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई जाए। लिहाजा जागरूकता के लिए राज्यों पर निर्भर रहने के बजाय केंद्र की एजेंसियां खुद भी इसमें जुटेंगी।

    अल्पसंख्यक मंत्रालय से संचालित स्वयं सहायता समूह 'रोशनी' के लगभग तीन लाख समूह इस अभियान में जुट गए हैं। बताया जाता है कि उन्हें जागरूकता फैलाने में परेशानी हो रही है। लिहाजा मुस्लिम धर्मगुरुओं को भी इस अभियान से जोड़ा जाएगा। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने भी आजीविका मिशन से जुड़े समूह को अब वैक्सीन हिचक मिटाने के काम में लगने का निर्देश दिया है। डाक्टर और नर्स की कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार सेना के डाक्टरों और नर्सो को भी मैदान में उतार सकती है।