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    Social Media Platforms को रेगुलेट करने के लिए रूपरेखा पेश करेगी केंद्र सरकार

    अदालत ने सुनवाई के दौरान सवाल उठाया कि Social Media अकाउंट को निलंबित करने और हटाने की मौजूदा शिकायतों को प्रस्तावित ढांचे के संदर्भ में क्यों नहीं निपटाया जाना चाहिए। उसने कहा कि वह पहले की याचिकाओं पर नई व्यवस्था के प्रभाव को समझना चाहती है।

    By Shashank MishraEdited By: Updated: Wed, 07 Sep 2022 11:02 PM (IST)
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    दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि वह सोशल मीडिया प्लेटफार्म को विनियमित करने के लिए एक रूपरेखा पेश करे।

    नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्र सरकार ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि वह सोशल मीडिया प्लेटफार्म को विनियमित करने के लिए “देर-सवेर” एक रूपरेखा पेश करेगी, जिसमें उपयोगकर्ताओं को इन प्लेटफार्म से प्रतिबंधित करना भी शामिल होगा। केंद्र ने कहा कि रूपरेखा प्रस्तावित है, इसलिए सोशल मीडिया अकाउंट के निलंबन के मौजूदा मामलों को मौजूदा नियमों के अनुसार ही तय करना होगा। यह दलील केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के समक्ष दी, जो ट्विटर उपयोगकर्ताओं सहित कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म के उपयोगकर्ताओं के खातों के निलंबन के खिलाफ विभिन्न याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई कर रहे थे।

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    याचिकाओं की सुनवाई 19 दिसंबर तक के लिए टाल दी गई

    केंद्र की ओर से पेश अधिवक्ता कीर्तिमान सिंह ने कहा, “हमने आपके आदेश के संदर्भ में विचार किया है। संशोधन देर-सवेर होगा, लेकिन हम वास्तव में नहीं जानते कब तक होगा। यह प्रस्तावित है और इसलिए इन मामलों को शायद मौजूदा योजना के अनुसार तय करना होगा।”

    केंद्र को बाद के घटनाक्रमों से अवगत कराने के लिए और समय देते हुए, अदालत ने याचिकाओं की सुनवाई 19 दिसंबर तक के लिए टाल दी और कहा, “आप (केंद्र) जिस नियामक अधिकारों को लागू करने का प्रस्ताव रखते हैं, उसके बारे में हम भी जानना चाहेंगे कि हमारे अधिकार क्षेत्र क्या होंगे।’’

    अदालत ने बुधवार को सुनवाई के दौरान सवाल उठाया कि सोशल मीडिया अकाउंट को निलंबित करने और हटाने की मौजूदा शिकायतों को प्रस्तावित ढांचे के संदर्भ में क्यों नहीं निपटाया जाना चाहिए। उसने कहा कि वह पहले की याचिकाओं पर नई व्यवस्था के प्रभाव को समझना चाहती है। याचिकाओं में वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े की भी एक याचिका शामिल है, जिनके खाते, दो पोस्ट को कथित रूप से री-ट्वीट करने के कारण स्थायी रूप से निलंबित कर दिये गये हैं।