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    अनैतिक शब्दों के इस्तेमाल वाली वेबसाइट्स पर प्रतिबंध की तैयारी, सरकार जल्द जारी करेगी गाइडलाइन

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 03:19 PM (IST)

    केंद्र सरकार अनैतिक संबंधों से जुड़े कंटेंट को प्रतिबंधित करने की तैयारी में है। इसके लिए सर्विस प्रोवाइडर्स को गाइडलाइन जारी की जाएगी। आईटी मंत्रालय के अनुसार, ऐसे कंटेंट को पूरी तरह से प्रतिबंधित करना मुश्किल है, क्योंकि इंटरनेट पर ऐसे कई कंटेंट मौजूद हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गैरकानूनी नहीं हैं। सरकार जल्द ही इस पर रोक लगाने के लिए गाइडलाइन जारी करेगी।

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    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पोर्न वेबसाइट्स पर सरकार ने कई बार प्रतिबंध लगाने का प्रयास किया है। बावजूद इसके सरकार को सफलता नहीं मिली। इन सबके बीच केंद्र सरकार अब एक ऐसा कंटेंट प्रतिबंध करने की तैयारी में है, जिसमें रिश्तों के बीच अनैतिक संबंधों से जुड़े शब्दों का इस्तेमाल किए जा रहे कंटेंट प्रसारित की किया जाता है।

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    सरकार का उद्देश्य है कि रिश्तों के लिए गढ़े गए ऐसे शब्द और उससे जुड़ा कंटेंट प्रतिबंधित करने के लिए के लिए सर्विस प्रोवाइडर्स (आईएसपी) को जल्द गाइडलाइन जारी होगी।

    'ऐसे कंटेंट पूरी तरीके प्रतिबंधित करना आसान नहीं'

    आईटी मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि चाइल्ड पोनोंग्राफी के अलावा अन्य कई अश्लील कंटेंट इंटरनेट पर मौजूद हैं, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गैरकानूनी श्रेणी में नहीं आते। अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार के कंटेंट को भारत में पूरी तरीके से प्रतिबंधित करना कठिन है।

    आईटी मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया आवश्यकता के अनुसार, सरकार समय-समय पर ऐसे कंटेंट पर बैन लगाती है। हालांकि, टेक्नोलोजी और इंटरनेट का अंतरराष्ट्रीय स्वरूप देखते हुए ऐसी करीब 4 करोड़ वेबसाइट्स पर प्रतिबंध लगाना आसान काम नहीं है।

    जल्द ही सरकार जारी करेगी गाइडलाइन

    मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी के अनुसार, इस प्रकार के कंटेंट को पूरी तरीके से प्रतिबंधित करने के लिए आईएसपी, इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से लगातार चर्चा कर रही है।

    गौर भारतीय समाज के लिहाज से वर्जित यौन रिश्तों के लिए इस्तेमाल होने वाले शब्दों से जुड़ी सामग्री पर रोक के लिए गाइडलाइन जल्द ही जारी होने की संभावना है। बता दें कि कई ऐसे शब्द हैं जिन्हें पहले ही ब्लॉक किया गया है, इसके बाद व्यूअरशिप में कमी देखने को मिली है। इस कमी को पूरा करने के लिए कंटेंट क्रिएटर्स नाम बदलकर सामग्री बना रहे हैं। ऐसे कंटेंट को भी रोकने की कोशिश की जाएगी।