केवल भरोसेमंद स्थानों से होगी बिजली उपकरणों की आपूर्ति, मौजूदा नियमों को और सख्त बनाने की तैयारी
भारत ने कुछ साल पहले दूरसंचार व दूसरे संवेदनशील क्षेत्रों में कल-पुर्जों व उपकरणों की आपूर्ति को लेकर नए नियम लागू कर दिए थे। अब इन नियमों का दायरा बढ ...और पढ़ें

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वर्ष 2020 में चीन की सेना ने भारत के पूर्वी लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) में घुसपैठ के बाद केंद्र सरकार ने दूरसंचार व दूसरे संवेदनशील क्षेत्रों में कल-पुर्जों व उपकरणों की आपूर्ति को लेकर नए नियम लागू कर दिए गए थे।
इन नए नियमों के अनुसार भारत में संचालित कंपनियां सिर्फ विश्वस्त स्रोतों से ही कल-पुर्जे व उपकरणों की आपूर्ति कर सकती हैं। अब केंद्र सरकार इसका दायरा बढ़ाने जा रही है और सबसे पहले बिजली क्षेत्र में सिर्फ भरोसेमंद स्रोतों से सप्लाई चेन स्थापित करने के मौजूदा नियमों को ज्यादा सख्त बनाने पर विचार किया जा रहा है। यह जानकारी नेशनल साइबर सिक्योरिटी कोॉर्डिनेटर एम यू नायर ने फिक्की की तरफ से साइबर सिक्योरिटी पर आयोजित एक सेमिनार में दी।
किसी भी खतरे से बचने के लिए लिया गया फैसला
जानकारी दें कि सरकार का यह फैसला सौर ऊर्जा सेक्टर से लेकर बैट्री निर्माण के मौजूदा घरेलू ढांचे को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। यह फैसला साइबर सुरक्षा के बढ़ते खतरे से देश के बिजली सेक्टर को पूरी तरह से बचाने के उद्देश्य से किया जाएगा।
यहां बताते चलें कि बिजली मंत्रालय ने 02 जुलाई, 2020 को चीन से आयात किए गए बिजली उपकरणों के आयात से पहले पूर्व अनुमति का नियम लागू किया हुआ है। यह भी नियम है कि बाहर से जो बिजली उपकरण आयात होते हैं उनकी साइबर सिक्योरिटी को लेकर परीक्षण किया जाए कि उनसे कोई खतरा तो नहीं है।
सोलर सेक्टर में 30 अरब डॉलर के उपकरणों की जरूरत
हालांकि, इस दौरान देश में चीन से आयातित बिजली सेक्टर से जुड़े उत्पादों के आयात में लगातार वृद्धि ही हुई है। शोध एजेंसी जीटीआरआई की रिपोर्ट है कि सिर्फ सोलर सेक्टर में भारत को हर साल 30 अरब डॉलर के उपकरणों की जरूरत है और इसका बहुत बड़ा हिस्सा आयात करना होगा।
गोल्डमैन सैश की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2050 तक भारत के बिजली ट्रांसमिशन सेक्टर में 500 अरब डॉलर मूल्य का निवेश करना होगा जिसका एक बड़ा हिस्सा अत्याधुनिक ट्रांसफार्मरों के निर्माण से जुड़ा होगा। साथ ही साइबर सिक्योरिटी का खतरा पहले के मुकाबले अब ज्यादा व्यापक हो गया है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार मौजूदा नियमों में कुछ बड़े संशोधन करने की तैयारी में है।
किसी देश के खिलाफ नहीं होगा नया संशोधन
बिजली मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि नए संशोधन किसी देश के खिलाफ नहीं होगा बल्कि भारतीय बिजली सेक्टर को पूरी तरह से साइबर हमले के खतरे से मुक्त करने के उद्देश्य से किया जाएगा। संवेदनशील बिजली उपकरणों का निर्माण घरेलू स्तर पर करना इसका एक अहम हिस्सा होगा।
सोलर सेक्टर में यह काम पहले से हो रहा है। स्मार्ट मीटर निर्माण में भी भारतीय कंपनियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं। पर्याप्त ट्रांसफार्मरों के निर्माण में आत्मनिर्भर होना एक चुनौती है। अगले दो से तीन वर्षों में इसमें भी स्थिति सुधरेगी।

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