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    हिंदी चैनलों को उर्दू के उपयोग पर मंत्रालय से कोई नोटिस नहीं, PIB ने बताई सच्चाई

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 11:56 AM (IST)

    सरकार ने उन खबरों को भ्रामक बताया है जिनमें कहा गया था कि हिंदी समाचार चैनलों को उर्दू शब्दों के ज़्यादा इस्तेमाल के लिए नोटिस भेजे गए हैं। पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट ने कहा कि मंत्रालय ने एक दर्शक की शिकायत चैनलों को भेजी है यह कोई निर्देश नहीं है। चैनलों को शिकायतकर्ता को की गई कार्रवाई की जानकारी देने और मंत्रालय को अवगत कराने का निर्देश दिया गया है।

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    हिंदी चैनलों को उर्दू के उपयोग पर मंत्रालय से कोई नोटिस नहीं। (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। सरकार ने मीडिया में आई उन खबरों को रविवार को ‘भ्रामक’ करार दिया है, जिनमें कहा गया है कि हिंदी समाचार चैनलों को प्रसारण में उर्दू शब्दों के अत्यधिक प्रयोग के लिए नोटिस भेजे गए हैं।

    पीआइबी फैक्ट चेक यूनिट ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआइबी) ने केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियमन कानून के तहत एक दर्शक की शिकायत को संबंधित चैनलों को भेज दिया है।

    अधिकारी ने दिया स्पष्टीकरण

    अधिकारी ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा, यह मंत्रालय का कोई निर्देश नहीं है, बल्कि संबंधित चैनलों के खिलाफ प्राप्त शिकायत को आगे बढ़ाया गया है। प्रेस सूचना कार्यालय (पीआइबी) की फैक्ट चेक यूनिट ने हालांकि अपने पोस्ट में बताया है कि संबंधित चैनलों को निर्देश दिया गया है कि वे शिकायतकर्ता को इस संबंध में की गई कार्रवाई की जानकारी दें और नियमानुसार मंत्रालय को भी उससे अवगत कराएं।

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    सोशल मीडिया पर अचानक वायरल हुआ एक पत्र

    गौरतलब है कि मीडिया के एक वर्ग में आई खबरों में यह दावा किया गया है कि केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने हिंदी समाचार चैनलों को उनके प्रसारण में अत्यधिक उर्दू शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए नोटिस जारी किया है और उन्हें भाषा विशेषज्ञों की नियुक्ति करने का निर्देश दिया है।