घरेलू उड़ान के मनमानी किराए पर सरकारी कैप, अधिकतम 18000 रुपये तक होगा किराया
हजारों उड़ानें रद्द होने के बाद, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने घरेलू उड़ानों के किराए पर तत्काल प्रभाव से ऊपरी सीमा लगा दी है। इंडिगो को रिफंड पूरा करने औ ...और पढ़ें

इंडिगो को प्रभावित यात्रियों का किराया रविवार शाम तक लौटाने का निर्देश (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पांच दिन तक हजारों उड़ानों के रद्द होने, लाखों यात्रियों को बेसहारा छोड़ने और ऐसी स्थिति में लाभ कमाने के लिए एअरलाइंस कंपनियों की ओर से घरेलू किराए को आसमान पर पहुंचाने के बाद शनिवार को आखिरकार नागरिक उड्डयन मंत्रालय ठोस कार्रवाई करता दिखा।
PIB के अनुसार, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने शनिवार को घरेलू उड़ानों के इकॉनॉमी क्लास किराए पर तत्काल प्रभाव से ऊपरी सीमा (कैप) लगा दी। इस प्रकरण में जहां घरेलू विमान किराया 90 हजार रुपये तक पहुंच गई थी उसे अब 7500 रुपये से 18 हजार रुपये तक सीमित कर दिया गया है।
इंडिगो को कड़े निर्देश
साथ ही इस अव्यवस्था की जिम्मेदार कंपनी इंडिगो को कड़ा निर्देश दिया गया है कि रद्द उड़ानों का पूरा रिफंड रविवार (7 दिसंबर) शाम 8 बजे तक पूरा किया जाए और यात्रियों के सामान को 48 घंटे में उन तक पहुंचाया जाए। सरकार के स्तर पर इन कोशिशों से वैसे देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की वजह से भारत के विमानन क्षेत्र की विश्वसनीयता को जो गहरा आघात पहुंचाया है उसकी जल्द भरपाई होनी मुश्किल है।
दुनिया के सामने भारतीय उड्डयन उद्योग ने एक ऐसी छवि पेश की है जहां उपभोक्ता अधिकार और यात्री सुरक्षा प्राथमिकता में सबसे नीचे हैं।नागरिक उड्डयन मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक हवाई किराये की अधिकतम सीमा 18 हजार रुपये होगी।
500 किलोमीटर की दूरी के लिए हवाई किराये की सीमा 7500 रुपये, 501 से 1000 किलोमीटर के लिए 12 हजार रुपये, 1001 से 1500 किलोमीटर दूरी के लिए 15 हजार और 1500 किलोमीटर से ज्यादा दूरी के लिए उड्डयन कंपनियां 18 हजार रुपये से ज्यादा किराया नहीं चार्ज कर सकती। यह सीमा बिजनेस क्लास या उड़ान स्कीम के तहत लागू किराये के लिए नहीं है।
कितना होगा किराया?
दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-बेंगलुरु, मुंबई-कोलकाता जैसे ज्यादातर प्रमुख रूट अब अधिकतम 18,000 रुपये तक ही रहेंगे। यह कैप तब तक लागू रहेगी जब तक परिस्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाती। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा है कि, “इस निर्देश का उद्देश्य बाजार में मूल्य-अनुशासन बनाए रखना, संकट में फँसे यात्रियों का किसी भी रूप में शोषण रोकना तथा यह सुनिश्चित करना है कि तत्काल यात्रा करने की जरूरत वाले नागरिकों, जिनमें वरिष्ठ नागरिक, छात्र और मरीज शामिल हैं को इस दौरान आर्थिक कष्ट न झेलना पड़े।''
पिछले पांच-छह दिनों से इंडिगो की तकनीकी और ऑपरेशनल समस्या के कारण शुक्रवार को 1,000 से ज्यादा और शनिवार को 400 से अधिक उड़ानें रद हुईं है। अचानक क्षमता में भारी कमी आने से बाकी एयरलाइंस ने किराए आसमान पर पहुंचा दिए थे। शुक्रवार को कोलकाता-मुंबई का वन-वे टिकट कोलकाता-लंदन से ज्यादा का था।
यात्रियों को क्या फायदा मिलेगा?
मुंबई-भुवनेश्वर का टिकट 84,000 रुपये तक पहुंच गया था।इसके बाद सभी रद्दबाधित उड़ानों का पूरा रिफंड 7 दिसंबर (रविवार) शाम 8 बजे तक अनिवार्य रूप से पूरा करना होगा। देरी पर तत्काल कार्रवाई होगी। प्रभावित यात्रियों से री-शेड्यूलिंग या री-बुकिंग का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। यात्रियों के सभी सामान को अगले 48 घंटों में यात्री के घर या दिये गये पते पर पहुंचाना होगा।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यह भी कहा है कि इंडिगो को विशेष यात्री सहायता और रिफंड सेल स्थापित करने होंगे जो स्वयं यात्रियों से संपर्क कर रिफंड और वैकल्पिक व्यवस्था करेंगे। वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग, मरीज, छात्र आदि को प्राथमिकता के साथ सहायता देनी होगी। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि वह सभी एयरलाइंस और ऑनलाइन ट्रैवल पोर्टलों पर रियल-टाइम किराया निगरानी कर रहा है। निर्धारित सीमा का उल्लंघन करने पर तुरंत कार्रवाई होगी।
मंत्रालय ने क्या कहा?
इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (आइएटीओ) और फेडरेशन ऑफ एसोसिएशंस इन इंडियन टूरिज्म एंड होस्पीटिलिटी (एफएआइटीएच) ने सरकार की तरफ से हवाई किराये पर अस्थायी कैप लगाने का स्वागत किया है और कहा कि अनियंत्रित किराया वृद्धि से उपभोक्ता विश्वास को ठेस पहुंचती है।
उन्होंने स्थायी नीति, बेहतर आपात योजना और पारदर्शी किराया निगरानी की मांग की है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा है कि वह सभी हितधारकों के साथ लगातार समन्वय बनाए हुए है और जल्द से जल्द पूरी तरह सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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