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    किसानों को राहतः अब 500 अौर 1000 के पुराने नोट से खरीद सकेंगे बीज और खाद

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Mon, 21 Nov 2016 07:36 PM (IST)

    सरकार ने एलान किया है कि किसान अब 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों से खाद और बीज खरीद सकेंंगे।

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    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पांच सौ रुपये और एक हजार रुपये के पुराने नोट बंद होने के बाद दिक्कतों का सामना कर रहे किसानों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। रबी फसल की बुवाई करने वाले किसान अब 500 रुपये के पुराने नोट से बीज खरीद सकेंगे।

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    पुराने नोट से बीज केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सार्वजनिक उपक्रमों, राष्ट्रीय व राज्य बीज निगम के केंद्रों और केंद्रीय तथा राज्य कृषि विश्र्वविद्यालयों के केंद्रों से खरीदा जा सकेगा। साथ ही रिजर्व बैंक ने कर्ज क्रॉप लोन, होम लोन, कार लोन सहित एक करोड़ रुपये से कम लोन को चुका रहे लोगों को बड़ी राहत देते हुए भुगतान के लिए 60 दिन का अतिरिक्त समय दिया है। एक नवंबर से 31 दिसंबर के बीच चुकाए जाने वाले लोन पर यह नियम लागू होगा।

    वित्त मंत्रालय ने किसानों को राहत देने वाले उपाय की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार ने रबी फसल के लिए किसान अपना पहचान पत्र दिखाकर केंद्र सरकार, राज्य सरकारें, राष्ट्रीय या राज्य बीज निगम, केंद्रीय और राज्य कृषि विश्र्वविद्यालयों के बीज बिक्री केंद्रों से बीज खरीद सकेंगे। इससे पहले सरकार 17 नवंबर को किसानों को नकदी उपलब्ध कराने के लिए हर सप्ताह 25,000 रुपये उनके बैंक खातों से निकालने की अनुमति दे चुकी है। मंत्रालय ने कहा कि सरकार किसानों को रबी फसल के दौरान उचित सहायता देने को प्रतिबद्ध है।कर्ज चुकाने को दो माह की मोहलतइधर रिजर्व बैंक ने कार लोन, होम लोन, क्रॉप लोन सहित एक करोड़ रुपये से कम का कर्ज ले चुके लोगों को बड़ी राहत देते हुए उन्हें कर्ज के भुगतान के लिए अतिरिक्त 60 दिन की अनुमति दे दी है।

    यह सुविधा एक नवंबर से 31 दिसंबर के बीच चुकाए जाने वाले लोन पर लागू होगी। आरबीआइ के अनुसार किसी भी बैंक के साथ एक करोड़ रुपये या कम के की सीमा के कार्यकारी पूंजी खातों के संबंध में यह सुविधा उपलब्ध होगी। बैंकों के साथ-साथ नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (एमएफआइ) को भी यह सुविधा मिलेगी। आरबीआइ ने कहा कि यह छूट सिर्फ निर्धारित अवधि के लिए ही दी गयी है और इसका मतलब यह नहीं है कि लोन को रीस्ट्रक्चर किया जाए।

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    उल्लेखनीय है कि पांच सौ रुपये और एक हजार रुपये के पुराने नोट बंद होने के बाद सामान्य बैंकिंग कामकाज पर असर पड़ा है। चैक क्लीयरिंग का कामकाज भी इससे बाधित हुआ है। साथ ही नकदी निकालने की सीमा 24,000 रुपये प्रति सप्ताह होने की वजह से कर्ज चुकाने वाले लोग किसी से भुगतान भी नहीं पा रहे हैं। आरबीआइ ने कहा कि उसे इस संबंध में लोगों की ओर से प्रतिनिधित्व मिला है, जिसके बाद यह निर्णय किया गया है।

    बैंकों के पास पहुंचे 5,44,571 करोड़ रुपये के पुराने नोटइस बीच रिजर्व बैंक का कहना है कि 10 से 18 नवंबर के दौरान बैंकों के पास कुल 5,44,571 करोड़ रुपये पुराने नोट जमा और बदले गए हैं। आरबीआइ के अनुसार इस राशि में से 5,11,565 करोड़ रुपये जमा हुए 33,006 करोड़ रुपये के पुराने नोट बदले गए। इस अवधि में लोगों ने बैंक शाखा और एटीएम सहित विभिन्न तरीके से कुल 1,03,316 करोड़ रुपये अपने बैंक खातों से निकाले हैं।

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