LPG सब्सिडी: 28 हजार करोड़ रुपये और देगी सरकार, लोगों को मिलेगी राहत
केंद्र सरकार उर्वरक और पेट्रोलियम सब्सिडी के लिए 28,025 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करेगी। लोकसभा में 2025-26 के लिए पूरक अनुदान मांगें पेश की गई हैं, जिसमें उर्वरक सब्सिडी के लिए 18,535 करोड़ रुपये और एलपीजी सब्सिडी के लिए 9500 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। चाबहार पोर्ट के लिए 300 करोड़ रुपये और मणिपुर में सुरक्षा व्यवस्था के लिए 2198 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

उर्वरक और पेट्रोलियम सब्सिडी में वृद्धि
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष के दौरान केंद्र सरकार ने उर्वरक और पेट्रोलियम सब्सिडी के तौर पर 28,025 करोड़ रुपये और खर्च करने जा रही है।
सोमवार को सरकार ने वर्ष 2025-26 में अतिरिक्त खर्चे के लिए लोकसभा में पूरक अनुदान मांगें पेश की, जिसमें उर्वरक सब्सिडी के तौर पर 18,535 करोड़ रुपये और एलपीजी सब्सिजी के तौर पर 9500 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया है।
उर्वरक और पेट्रोलियम सब्सिडी में वृद्धि
यह राशि सरकार की तरफ से पेश कुल 1.32 लाख करोड़ रुपये की अनुदान मांगों का हिस्सा है। वित्त मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि उक्त राशि में 90,812 करोड़ रुपये का इंतजाम तो विभिन्न मंत्रालय अपनी बचत के जरिये करेंगे।
इस तरह से सरकारी खजाने पर सिर्फ 41,455.39 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। इसमें से 300 करोड़ रुपये की राशि ईरान स्थित चाबहार पोर्ट के लिए मांगी गई है।
300 करोड़ रुपये खर्च करने की अनुमित देगी केंद्र
ईरान स्थित इस पोर्ट का निर्माण भारत कर रहा है, लेकिन इसका विकास अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से प्रभावित हो रहा है। हाल ही में अमेरिकी सरकार (30 अक्टूबर, 2025) को इस पोर्ट पर अमेरिकी प्रतिबंध से छह महीने की छूट दी है। यानी अप्रैल, 2026 तक भारत इसमें निर्माण कार्य कर सकता है।
यही वजह है कि इसके लिए तत्काल 300 करोड़ रुपये खर्च करने की अनुमित केंद्र से मांगी गई है। इसके अलावा प्रस्तावित मांगों में 2198 करोड़ रुपये मणिपुर में सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम व पिछले कई वर्षों से हिंसा प्रभावित इस राज्य में कई तरह के कार्यों के निष्पादन के मद में मांगी गई है।

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