मिजोरम सैनिक स्कूल ने तोड़ी दशकों पुरानी परंपरा, 6 छात्राओं को दाखिला देकर किया मिसाल पेश
मिजोरम के छिंगछिप सैनिक स्कूल ने पहली बार 6 गर्ल स्टूडेंट का अपने स्कूल परिसर में एडमिशन दिया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। मिजोरम के छिंगछिप सैनिक स्कूल ने देश की दशकों पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए एक नया मिसाल कायम किया है। दरअसल इस सैनिक स्कूल में 4 जून को 6 गर्ल स्टूडेंट को दाखिला दिया है। इसके साथ ही ये छात्राओं को दाखिला देने वाला देश का पहला सैनिक स्कूल बन गया है। इसके पहले तक सैनिक स्कूल लड़कों के लिए ही जाना जाता था। लेकिन छिंगछिप सैनिक स्कूल ने इस परंपरा को तोड़कर देश के अन्य सैनिक स्कूलों के लिए एक नया उदाहरण पेश किया है।
मिजोरम के छिंगछिप सैनिक स्कूल ने पहली बार 6 गर्ल स्टूडेंट का अपने स्कूल परिसर में एडमिशन दिया है। देश के सभी सैनिक स्कूलों में आम तौर पर लड़कों को ही प्रवेश/दाखिला दिया जाता है लेकिन मिजोरम के इस सैनिक स्कूल ने इस दिशा में एक नई पहल कर अन्य बाकी स्कूलों के लिए एक नया मिसाल पेश किया है। डिफेंस पब्लिक रिलेशन ऑफीसर कर्नल सो कोंवर ने कहा, 'मिजोरम में 4 जून को इतिहास लिखा गया जब छिंगछिप सैनिक स्कूल में 54 छात्रों के साथ 6 छात्राओं ने भी छठी कक्षा में दाखिला लिया।'
इसके साथ ही यह देश के सैनिक स्कूल सोसाइटी में गर्ल स्टूडेंट को जगह देने वाला पहला स्कूल बन गया है। इस ऐतिहासिक दिन के अवसर पर स्कूल के प्रिंसिपल ले. कर्नल इंदरजीत सिंह ने 6 छात्राओं समेत 60 कैडेट्स के 2018-19 बैच का स्वागत किया। बताया जाता है कि इन छात्राओं का चयन भी अन्य छात्रों की तरह ही कठिन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से हुआ था।
हालांकि इसे पहले उत्तर प्रदेश के एक सैनिक स्कूल में इसी साल अप्रैल महीने में गर्ल स्टूडेंट को दाखिला दिया जा चुका है लेकिन यह राज्य सरकार के द्वारा फंड किया जाता है। आपको बता दें कि सैनिक स्कूल वास्तव में रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आता है।