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    पेजेश्कियान के हाथ में ईरान की कमान मिलते ही भारत के लिए खुशखबरी, चाबहार समेत कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ने की उम्मीद

    Updated: Sun, 07 Jul 2024 02:00 AM (IST)

    भारत और ईरान के लंबे समय से मजबूत आर्थिक संबंध रहे हैं। भारत ने बंदरगाह के शाहिद-बेहेश्ती टर्मिनल को विकसित करने के लिए 12 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। इसके जरिए भारत अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुंचने के लिए सीधा समुद्री मार्ग मुहैया कराएगा। इससे फायदा यह होगा कि भारत के जहाजों को पाकिस्तान के रास्ते आगे नहीं बढ़ना होगा।

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    भारत और ईरान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह के विकास में सहयोग कर रहे हैं।

    जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। भारत और ईरान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह के विकास में सहयोग कर रहे हैं। भारत के लिए यह बंदरगाह अफगानिस्तान और मध्य एशिया पहुंचने के लिए सीधा समुद्री मार्ग मुहैया कराएगा। भारत के जहाजों को पाकिस्तान के रास्ते आगे नहीं बढ़ना होगा।

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    भारत ने बंदरगाह के शाहिद-बेहेश्ती टर्मिनल को विकसित करने के लिए 12 करोड़ डॉलर का निवेश किया है और ईरान को आधारभूत ढांचे के विकास के लिए 25 करोड़ डॉलर के कर्ज की सुविधा दी है।

    फिर तेज हो सकता है तेल व्यापार

    भारत और ईरान के लंबे समय से मजबूत आर्थिक संबंध रहे हैं। अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते ईरान से भारत की तेल खरीद प्रभावित हुई है लेकिन अन्य क्षेत्रों में दोनों देश पूर्ववत सहयोग जारी रखे हुए हैं। नए राष्ट्रपति पेजेश्कियान को अगर अमेरिका के साथ 2015 का परमाणु समझौता कायम करने में सफलता मिलती है तो उसे व्यापार प्रतिबंधों में राहत मिल सकती है। ऐसी स्थिति में उसका भारत के साथ तेल व्यापार फिर से तेजी पकड़ सकता है।