Goa Fire: परिवार की स्थिति सुधारने के सपने रह गए अधूरे, गोवा अग्निकांड ने लील ली कई जिंदगियां
झारखंड के तीन युवक बेहतर भविष्य के सपने लेकर गोवा आए थे, लेकिन एक दर्दनाक अग्निकांड में उनकी जान चली गई। गोवा के एक नाइट क्लब में आग लगने से 25 लोगों ...और पढ़ें

परिवार की स्थिति सुधारने के सपने रह गए अधूरे। (फोटो- एएनआई)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। झारखंड के तीन नौजवान एक वर्ष पहले अपने परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर करने के लिए गोवा आए थे और बर्च बाय रोमियो लेन नाइट क्लब में कुक का काम करने लगे थे।
लेकिन शनिवार-रविवार मध्यरात्रि उनका वह सपना भयानक हादसे में टूट गया, जब उस क्लब में भयानक आग लग गई। इसमें 19 वर्षीय विनोद महतो, 24 वर्षीय प्रदीप महतो और 24 वर्षीय मोहित के साथ 22 और लोग मारे गए।
मेडिकल कॉलेज के बाहर लगी परिजनों की लंबी लाइन
विनोद महतो के चचेरे भाई राजीव साहू अब तीनों के पार्थिव शरीर को झारखंड वापस ले जाने का इंतजाम करने की तैयारी कर रहे हैं। पीड़ितों के रिश्तेदार और दोस्त, जिनमें से कुछ असम, झारखंड और उत्तराखंड से थे, गोवा मेडिकल कालेज और हास्पिटल के मुर्दाघर के बाहर जमा हो गए और बेसब्री से अपने प्रियजनों के बारे में जानकारी का इंतजार कर रहे थे।
राज्य के पोंडा शहर में काम करने वाले साहू ने कहा, "उनके परिवार रांची में रहते हैं। वे खेती-बाड़ी वाली पृष्ठभूमि से हैं। वे एक वर्ष पहले बेहतर आजीविका कमाने गोवा आए थे।"
शेफ का काम करते थे सतीश राणा
उन्होंने यह भी कहा कि वह तीनों के पार्थिव शरीरों को फ्लाइट से रांची ले जाएंगे। मरने वालों के रिश्तेदारों ने पार्थिव शरीर को झारखंड और उत्तराखंड में उनके घरों तक ले जाने का इंतजाम करना शुरू कर दिया है। शायद उन्हें मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की इस घोषणा के बारे में पता नहीं है कि राज्य सरकार पार्थिव शरीरों को ले जाने का इंतजाम करेगी। एक और पीड़ित उत्तराखंड के 27 वर्षीय सतीश राणा शेफ का काम करते थे।
हादसे के बारे में पता चलने पर उनके रिश्तेदार गोवा पहुंचे। एक रिश्तेदार ने कहा कि उन्होंने राणा और उत्तराखंड के रहने वाले तीन अन्य लोगों के पार्थिव शरीरों की पहचान कर ली है। उन्होंने कहा कि जब मुझे इस घटना के बारे में पता चला, तो मैं राणा के पार्थिव शरीर की पहचान करने और अंतिम संस्कार के लिए घर ले जाने के लिए यहां पहुंचा।

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