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    रोजगार के क्षेत्र में पैर पसारने लगा 'गिग मॉडल', एक झटके में बदल गया हायरिंग का तरीका; रिपोर्ट में खुलासा

    Updated: Sun, 20 Jul 2025 08:19 PM (IST)

    वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बीच टीमलीज की रोजगार आउटलुक रिपोर्ट बताती है कि नियोक्ता स्थायी कर्मियों की जगह गिग मॉडल को अपना रहे हैं। बिक्री और ग्राहक सेवा के साथ आईटी टेक्नोलॉजी और फाइनेंस जैसे क्षेत्रों में भी गिग टैलेंट की मांग बढ़ रही है। रिपोर्ट में डिजिटल साक्षरता को सबसे महत्वपूर्ण कौशल बताया गया है।

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    नियोक्ताओं ने नियुक्ति की नीति में कुछ बदलाव किया है (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों में जिस तरह की अनिश्चितता का दौर चल रहा है, उसका असर रोजगार पर दिखाई दे रहा है। नेट एम्प्लायमेंट चेंज (एनईसी) की दर भले ही बहुत ज्यादा न होकर सिर्फ 2.8 प्रतिशत के आसपास ही है, लेकिन नियोक्ताओं ने नियुक्ति की नीति में कुछ बदलाव जरूर किया है।

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    वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही के सर्वेक्षण पर आधारित टीमलीज की रोजगार आउटलुक रिपोर्ट दावा करती है कि नियोक्ता स्थायी कर्मियों की अधिक नियुक्ति की बजाए कई क्षेत्रों में गिग मॉडल को अपना रहे हैं। बेशक, बिक्री और ग्राहक सेवाओं में गिग वर्कर से काम लेने की दर अधिक है, लेकिन अब आईटी, टेक्नोलॉजी, फाइनेंस-अकाउंटिंग जैसे क्षेत्रों में गिग टैलेंट पर कंपनियों विश्वास जता रही हैं, जो लक्ष्य आधारित-समयबद्ध अनुबंध पर फ्रीलांस काम कर रहे हैं।

    डिजिटल साक्षरता की ओर ले जाने का संकेत

    बीते दिनों कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के गठन के दस वर्ष पूरे होने पर केंद्रीय मंत्री जयन्त चौधरी ने मंत्रालय की अपनी भविष्य की नीतियों को डिजिटल साक्षरता की ओर ले जाने का संकेत दिया। उनका कहना था कि टीम लीज की ताजा रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है कि इस वक्त श्रम बाजार में जिन स्किल की अधिक मांग है, उनमें सबसे ऊपर 76 प्रतिशत के साथ डिजिटल साक्षरता है।

    दरअसल, सिर्फ डिजिटल साक्षरता ही नहीं, यह रिपोर्ट अन्य पहलुओं पर भी प्रकाश डालती है। उसमें यह महत्वपूर्ण है कि 58 प्रतिशत नियोक्ताओं ने आर्थिकस्थितियों को अपने कार्यबल के आकार निर्धारण में सबसे महत्वपूर्ण कारक माना है। मुद्रास्फीति, व्यापार अनिश्चितताओं और धीमी जीडीपी वृद्धि जैसे वैश्विक उतार-चढ़ाव के प्रति वह संवेदनशील हैं। इन चुनौतियों के बीच लगभग 59 कंपनियों ने अपने वर्कफोर्स के विस्तार की संभावना जताई है।

    गिग वर्कर को पसंद करने वाले 51 प्रतिशत

    हालांकि वह सतर्क और रणनीतिक दृष्टिकोण के साथ यह ओर बढ़ना चाहते हैं। इसे सेक्टर के अनुसार समझने का प्रयास करें तो 64 प्रतिशत नियोक्ता बिक्री और ग्राहक सेवा में गिग वर्कर अपनाना चाहते हैं। ऑपरेशन्स एंड सप्लाई चेन मैनेजमेंट से जुड़ी नौकरियों में गिग वर्कर को पसंद करने वाले 51 प्रतिशत हैं।

    इसी तरह एफएमसीजी, क्विक कॉमर्स से लेकर मॉडल टेक्नोलॉजी, आईटी सपोर्ट, फ्रीलांस डेवलपर, तकनीकी सलाहकार, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ जैसे क्षेत्रों में भी गिग टैलेंट अब माड्यूलर डिलीवरी स्क्वाड बना कर काम कर रहे हैं। फाइनेंस-अकाउंटिंग, इंटरनल ऑडिट जैसे काम में गिग मॉडल अपनाने की शुरुआत हो चुकी है।

    गिग टैलेंट की नियुक्ति वाले प्रमुख सेक्टर

    सेक्टर प्राथमिकता देने वाले नियोक्ताओं का प्रतिशत
    सेल्स एंड कस्टमर सर्विस 64%
    ऑपरेशन्स एंड सप्लाई चेन मैनेजमेंट 51%
    टेक्नोलॉजी एंड आईटी सपोर्ट 41%
    फाइनेंस एंड अकाउंटिंग 35%
    रिसर्च, प्रोडक्ट डेवलपमेंट एंड कंसल्टिंग 35%

    नियुक्ति के लिए प्रमुख कौशल की मांग

    कौशल प्राथमिकता देने वाले नियोक्ताओं का प्रतिशत
    डिजिटल साक्षरता 76%
    ग्राहक प्रबंधन अनुभव 68%
    संवाद 63%
    टीम सहयोग 59%
    बाजार अनुसंधान एवं उपभोक्ता अंतदृष्टि 55%

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