रेलवे की बड़ी सौगात, सीनियर सिटीजन और महिलाओं को ऑटोमैटिक मिलेगी लोअर बर्थ; रेल मंत्री ने की घोषणा
भारतीय रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों और 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए लोअर बर्थ आवंटन प्रक्रिया को स्वचालित कर दिया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ...और पढ़ें
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रेलवे की बड़ी सौगात सीनियर सिटीजन और महिलाओं को ऑटोमैटिक मिलेगी लोअर बर्थ (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने साफ किया है कि सीनियर सिटीजन और 45 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को लोअर बर्थ देने की प्रक्रिया अब ऑटोमैटिक है। यदि टिकट बुक करते समय वे यह विकल्प चुनना भूल भी जाएं, तो भी उपलब्धता के आधार पर लोअर बर्थ उन्हें ही दी जाती है। यह जानकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में लिखित जवाब में दी।
लोअर बर्थ पर रेलवे की नई व्यवस्था
रेल मंत्री ने बताया कि रेलवे ने अलग-अलग क्लास में लोअर बर्थ का खास कोटा तय कर रखा है।स्लीपर क्लास में 6-7 लोअर बर्थ, 3AC में 4-5 लोअर बर्थऔर 2AC में 3-4 लोअर बर्थ। ये बर्थ केवल सीनियर सिटीजन, 45+ महिलाओं और गर्भवती महिलाओं के लिए आरक्षित रहते हैं।
दिव्यांग यात्रियों के लिए आरक्षण
दिव्यांग यात्रियों और उनके अटेंडेंट के लिए भी सभी मेल/एक्सप्रेस, राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में खास आरक्षण सुविधा है। नियमों के अनुसार, स्लीपर और 3AC/3E में चार–चार बर्थ (दो लोअर+दो मिडिल) और 2S/CC में चार सीटें तय रहती हैं। अगर यात्रा के दौरान कोई लोअर बर्थ खाली मिलती है तो उसे पहले सीनियर सिटीजन, गर्भवती महिला या दिव्यांग यात्री को देने को प्राथमिकता दी जाती है।
दिव्यांगजनों के लिए बेहतर डिजाइन
रेल मंत्री ने बताया कि नई और अपग्रेडेड कोचों में विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं, जैसे चौड़े दरवाजे, चौड़ी बर्थ और बड़ा कम्पार्टमेंट, व्हीलचेयर रखने की जगह, बड़े और चौड़े दरवाजे वाली टॉयलेट और टॉयलेट में सपोर्ट के लिए अतिरिक्त ग्रैब-रेल
दृष्टिबाधित यात्रियों के लिए इंटीग्रेटेड ब्रेल साइनज
अमृत भारत और वंदे भारत में विशेष प्रावधान भी दिया जाएगा। इन ट्रेनों को दिव्यांगजनों की जरूरतों को देखते हुए तैयार किया गया है। वंदे भारत के पहले और आखिरी कोच में व्हीलचेयर की सुविधा, चौड़े टॉयलेट और आसान मूवमेंट के इंतजाम मौजूद हैं।

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