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    जॉर्ज सोरोस से जुड़ी संस्थाओं पर ED का एक्शन, बेंगलुरु में 8 जगहों पर छापामारी; क्या हैं आरोप?

    एमनेस्टी और ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) पर ओपन सोरोस फाउंडेशन (OSF) से फंडिंग मिलने का आरोप है। इस मामले में CBI इनके खिलाफ चार्जशीट फाइल कर चुकी है। अब ED इसकी जांच कर रही है। अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस समर्थित ओपन सोसाइटी फाउंडेशन और उससे जुड़ी कुछ संस्थाओं के खिलाफ बेंगलुरु में उसके 8 ठिकानों पर छापेमारी की गई है।

    By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Tue, 18 Mar 2025 02:31 PM (IST)
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    जॉर्ज सोरोस से जुड़ी संस्थाओं पर ED की छापेमारी (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस से जुड़े NGO पर रेड हुई है। बेंगलुरु स्थित जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन, ओपन सोरोस फाउंडेशन (OSF) और एमनेस्टी इंटरनेशनल के दफ्तरों पर ED ने छापा मारा।

    ओएसएफ ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। सूत्रों ने बताया कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत लाभार्थियों के परिसरों की तलाशी ली जा रही है, जिनमें कुछ अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार निकायों से जुड़े लोग भी शामिल हैं। एजेंसी ने एमनेस्टी और ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) के पूर्व-वर्तमान कर्मचारियों के घरों की भी तालाशी ली।

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    कहां-कहां पर चल रही ED की छापेमारी?

    • ईडी की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि सोरोस ओएसएफ को 2016 में गृह मंत्रालय द्वारा प्रायर रेफरेंस कैटेगरी" (पूर्व संदर्भ श्रेणी) में रखा गया था। जिससे इसे भारत में एनजीओ को बिना नियमन के दान देने से रोका गया था।
    • इस प्रतिबंध से बचने के लिए, ओएसएफ ने भारत में अपनी सहायक कंपनियों के जरिए एफडीआई और कंसल्टेंसी फीस के नाम पर पैसे लाए और इन फंड्स का उपयोग एनजीओ की गतिविधियों को फंडिंग करने के लिए किया गया जो कि फेमा का उल्लंघन है।
    • ईडी अन्य एफडीआई फंड्स के उपयोग की भी जांच कर रहा है।

    ईडी सोरोस इकोनॉमिक डेवलपमेंट फंड (एसईडीएफ) और ओएसएफ द्वारा लाए गए अन्य एफडीआई फंडों के अंतिम इस्तेमाल की भी जांच कर रहा है। ईडी की तलाशी में मेसर्स एस्पाडा इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड पर भी तलाशी शामिल थी, जो भारत में एसईडीएफ का निवेश सलाहकार/फंड मैनेजर है और मॉरीशस इकाई की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।

    संस्थानों पर FEMA उल्लंघन का आरोप

    रिपोर्ट्स के मुताबिक ED की कार्रवाई विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (FEMA) के उल्लंघन को लेकर हुई।एमनेस्टी इंटरनेशनल ने दिसंबर 2020 में ही भारत में अपनी एक्टिविटी बंद कर दी थी। संस्था के बैंक खाते अवैध विदेशी फंडिंग के आरोप के चलते फ्रीज भी किए गए थे।