अर्थव्यवस्था के आए अच्छे दिन, विकास दर पहुंची 5.7 फीसद
मुश्किल दौर से गुजर रही भारतीय अर्थव्यवस्था का बुरा वक्त खत्म हो रहा है। अर्थव्यवस्था ने पांच प्रतिशत से नीचे की विकास दर वाले दौर से बाहर निकल तेज रफ्तार पकड़ ली है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में खनन, मैन्यूफैक्च¨रग और सेवा क्षेत्र की मदद से आर्थिक विकास दर 5.7 फीसद पर पहुंच गई है। यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का यह तिमाही आंकड़ा बीते ढाई साल में सर्वाधिक है।
नई दिल्ली। मुश्किल दौर से गुजर रही भारतीय अर्थव्यवस्था का बुरा वक्त खत्म हो रहा है। अर्थव्यवस्था ने पांच प्रतिशत से नीचे की विकास दर वाले दौर से बाहर निकल तेज रफ्तार पकड़ ली है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में खनन, मैन्यूफैक्च¨रग और सेवा क्षेत्र की मदद से आर्थिक विकास दर 5.7 फीसद पर पहुंच गई है। यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का यह तिमाही आंकड़ा बीते ढाई साल में सर्वाधिक है। बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही (अप्रैल-जून) में विकास दर 4.7 प्रतिशत थी। इंडिया इंक ने विकास दर के और ऊपर जाने की उम्मीद जताई है।
केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष 2014-15 की अप्रैल-जून तिमाही के आंकड़े जारी किए। इस पहली तिमाही में मैन्यूफैक्च¨रग क्षेत्र की वृद्धि दर 3.5 प्रतिशत रही है। बीते वित्त वर्ष 2013-14 की समान तिमाही में इसमें 1.2 प्रतिशत की कमी आई थी। इसी तरह खनन क्षेत्र में भी बीते साल की 3.9 फीसद की गिरावट के उलट 2.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई।
अर्थव्यवस्था में ये दोनों क्षेत्र बेहद महत्वपूर्ण हैं। इसलिए पिछले साल के मुकाबले इन क्षेत्रों की वृद्धि अर्थव्यवस्था की बेहतर होती स्थिति का संकेत है। खासकर मैन्यूफैक्च¨रग क्षेत्र का खासा महत्व है जो युवाओं के लिए रोजगार के अवसर मुहैया कराता है। मोदी सरकार भी आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए मैन्यूफैक्च¨रग के विकास पर ही जोर दे रही है।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी के बेहतर प्रदर्शन में वित्तीय सेवा क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस क्षेत्र ने 10.4 फीसद की वृद्धि दर पहली तिमाही में हासिल की है। बिजली, गैस तथा जलापूर्ति की 10.2 प्रतिशत रही है। पहली तिमाही में निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत रही है। कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3.8 प्रतिशत रही है, जबकि एक साल पहले यह चार प्रतिशत थी। मानसून की बेरुखी से अगली तिमाही में भी इसमें कमी देखने को मिल सकती है।
खंडवार रफ्तार
सेक्टर - अप्रैल-जून, 2014 - अप्रैल-जून, 2013
मैन्यूफैक्च¨रग , 3.5 , -1.2
कंस्ट्रक्शन , 4.8 , 1.1
खनन , 2.1 , -3.9
वित्तीय सेवा , 10.4 ,
बिजली, गैस व जलापूर्ति , 10.2
कृषि , 3.8 , 4.0
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